जर्मनी की लग्जरी कार कंपनी ऑडी ने भारत में इंपोर्टेड कारों पर लगने वाले टैक्स की ऊंची दरों को इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री की ग्रोथ के लिए बाधा करार दिया है. कंपनी ने इंपोर्टेड कारों पर लगने वाले टैक्स की दरों में कटौती करने का आग्रह भी सरकार से किया है. कंपनी ने कहा कि शुल्कों में कुछ राहत मिलने से वह ज्यादा गाड़ियां बेच सकेगी और अपने मुख्यालय को ऐसी गाड़ियों की लोकल मैन्युफैक्चरिंग में निवेश करने के लिए मना पाएगी.
ऑडी देश में बेचती हैं 5 इलेक्ट्रिक गाड़ियां
ऑडी देश में फिलहाल पांच इलेक्ट्रिक कार बेचती है. कंपनी ने कहा कि इंपोर्ट किये जाने वाले मॉडलों पर टैक्स कम होने से गाड़ी की कीमत को कम करने में मदद मिलेगी. साथ ही बाजार में वह एक निश्चित मात्रा में बिक्री के आंकड़े को हासिल कर पाएगी. ऑडी ने कहा कि यदि कंपनी को बाजार में एक निश्चित हिस्सेदारी मिलती है तो वह अपने वैश्विक मुख्यालय को भारत में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करने और देश में फिर से निवेश करने के लिए मनाने की कोशिश करेगी.
इंपोर्टेड लेक्ट्रिक कारों के पहले सेट को बेच दिया कंपनी ने
ऑडी इंडिया के प्रमुख बलबीर सिंह ढिल्लों ने कहा कि कंपनी देश में इंपोर्टेड अपनी इलेक्ट्रिक कारों के पहले सेट को बेच दियाऑडी ने कहा, इंपोर्टेड इलेक्ट्रिक कारों पर लग है. उन्होंने कहा, हाल में इंडियन मार्केट में उतारी गई बिजली से चलने वाली ई-ट्रॉन गाड़ी की पहली खेप बिक गई हैं. इससे हमें विश्वास मिला है कि भारतीय लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए तैयार हैं. यह हमें ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक कारों को मार्केट में उतारने के लिए प्रेरित कर रहा है. कंपनी ने पिछले सप्ताह ही दो नई इलेक्ट्रिक चार दरवाजे की कूपे ई-ट्रॉन जीटी और RS ई-ट्रॉन GT भारत में लॉन्च की है. इसके साथ ही ऑडी की भारत में पांच इलेक्ट्रिक कार मार्केट में आ गई है. उन्होंने कहा कि इंपोर्ट ड्यूटी इलेक्ट्रिक व्हीकल के रास्ते में बाधक साबित हो रहा है.