दिल्ली एयरपोर्ट एक्सप्रेस मेट्रो मामले में अनिल अंबानी समूह की कंपनी रिलायंस इंफ्रा को बड़ी जीत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 2,800 करोड़ का मध्यस्थता अवार्ड बरकरार रखा है. कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) को रिलायंस इंफ्रा को 2,800 करोड़ रुपये और ब्याज का हर्जाना देना होगा. लंबे वक्त से मुश्किल चल रहे अनिल अंबानी के लिए ये फैसला एक बड़ी राहत है. इस आदेश के आते ही रिलायंस इंफ्रा के शेयर 5 फीसदी उछल गए. गुरुवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयर दोपहर 1.22 बजे 4.95 फीसदी उछलकर 74.15 रुपये पर चल रहे थे.
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) को राहत देते हुए आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल के आदेश को रद्द कर दिया था, जिसके तहत DMRC पर रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की सहायक कंपनी दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड (डीएएमपीईएल) को 2782.33 करोड़ रुपये की देनदारी तय की गई थी. मेट्रो को यह रकम एयरपोर्ट एक्सप्रेस लिमिटेड को कॉन्ट्रैक्ट टर्मिनेशन कॉस्ट के तौर पर देने के लिए कहा गया था.
क्या है मामला?
यह मामला रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (R infra) और DMRC के बीच बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर आधार पर दिल्ली एयरपोर्ट एक्सप्रेस के लिए 2008 में हुए एक समझौते से जुड़ा है. हालांकि, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने 2012 में इस समझौते को रद्द कर दिया था. डीएमआरसी ने मध्यस्थता शुरू करने की मांग करते हुए एक मध्यस्थता क्लॉज को लागू किया. 2017 में आर्बिट्रल ट्रिब्यूनल ने रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को हर्जाना पाने का हकदार माना और डीएमआरसी को 2800 करोड़ रुपये ब्याज सहित भुगतान करने का निर्देश दिया.
हाई कोर्ट का फैसला
मार्च 2018 में दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल जज बेंच ने फैसले को बरकरार रखा और डीएमआरसी को हर्जाना देने का निर्देश दिया. वहीं जनवरी 2019 में डीएमआरसी को राहत देते हुए हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने मध्यस्थता अवार्ड को रद्द कर दिया. जनवरी 2019 तक ब्याज के साथ मध्यस्थता अवार्ड की राशि रु 4500 करोड़ हो चुकी थी.
फरवरी 2019 में अनिल अंबानी की आर इंफ्रा ने मध्यस्थता अवार्ड को रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसके बाद इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है.
दिल्ली एयरपोर्ट के लिए मेट्रो लाइन का था ठेका
रिलायंस इंफ्रा की सहायक कंपनी के साथ मिलकर डीएमआरसी ने दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो लाइन को बनाने और ऑपरेशन को लेकर अग्रीमेंट किया था. पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर आधारित डीएमआरसी का यह पहला प्रोजेक्ट था.
इसके तहत करीब 22.7 किलीमीटर लंबी मेट्रो लाइन बिछाई गई जो नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को सीधे आईजीआई एयरपोर्ट टर्मिनल-3 से कनेक्ट करती है. इस लाइन के निर्माण में कुछ खामियां पाते हुए डीएमआरसी ने 2013 में डीएएमपीईएल के साथ अपने समझौते को वापस ले लिया. इससे भारी नुकसान की बात कहते हुए डीएएमपीईएल ने ट्रिब्यूनल और कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
अनिल अंबानी के लिए ये जीत काफी मायने रखती है, जो पिछले कई साल से आर्थिक रूप से काफी परेशान चल रहे हैं. उनका टेलीकॉम फर्म दिवालिया हो चुका है और कई अन्य कंपनियां भी मुश्किल में चल रही हैं. समूह के ऊपर काफी कर्ज है, ऐसे में इतनी बड़ी रकम मिलना काफी अच्छी आत है.
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