अब से भारत सरकार के अधिकारी एयर इंडिया (Air India) से मुफ्त में हवाई यात्रा नहीं कर पाएंगे. टाटा समूह (Tata Group) का हिस्सा बन जाने के बाद एयर इंडिया ने क्रेडिट फैसिलिटी पर रोक लगा दी है. इसी के साथ सभी मंत्रालयों और विभागों को एयरलाइन का बकाया तुरंत चुकाने के लिए कहा गया है. वहीं यह भी कहा गया है कि अब से हवाई टिकट कैश में खरीदे जाएं. ये जानकारी एयर इंडिया ने दी है. इस बारे में वित्त मंत्रालय ने मेमोरेंडम भी जारी किया है. इस मेमोरेंडम के मुताबिक मंत्रालय और विभाग के अधिकारी अगले निर्देश तक एयर इंडिया की टिकट कैश के जरिए खरीद सकते हैं.
दरअसल में एयर इंडिया में ऐसी सुविधा थी कि डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट में भारत सरकार के अधिकारी सरकारी खर्च पर ट्रैवल कर सकते थे. फ्लाइट के टिकट का खर्च बाद में एयर इंडिया और सरकार के बीच में सेटल हो जाता था हालांकि पिछले कई सालों से भारत सरकार पर एयर इंडिया का काफी बकाया चल रहा है.
टाटा ग्रुप ने एयर इंडिया को 18,000 करोड़ रुपये में खरीदा
सरकार की ओर से साल 2018 में भी एयर इंडिया को बेचने की कोशिश की गई थी. लेकिन सरकार की ये कोशिश नाकाम रहीं. वहीं तीन साल बाद सरकार ने इस महीने की शुरुआत में टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टैलेस प्राइवेट लिमिटेड को 18,000 करोड़ रुपये में बेचने का फैसला किया है.
जानें क्या है कंपनी का इतिहास
एयर इंडिया की स्थापना जेआरडी टाटा ने साल 1932 में यानी 90 साल पहले की थी. 1947 में आजादी मिलने के बाद इसका राष्ट्रीयकरण हुआ तो टाटा एयरलाइंस ने इसके 49 फीसदी शेयर खरीद लिए थे. वहीं साल 1953 में सरकार ने इस कंपनी के फाउंडर जेआरडी टाटा से मालिकाना हक खरीद लिया था. इसी के बाद कंपनी का नाम एयर इंडिया इंटरनेशनल लिमिटेड हो गया. अब 68 साल बाद कंपनी का मालिकाना हक फिर से टाटा ग्रुप को मिल गया है.