Air India: सरकार ने उन सारी अफवाहों को खारिज कर दिया है, जिसमें टाटा ग्रुप द्वारा एयर इंडिया को खरीदे जाने की बात कही जा रही थी. अफवाह कुछ यह थी कि टाटा समूह शीर्ष बोलीदाता के रूप में उभरा है, लेकिन औपचारिक घोषणा पैनल की मंजूरी के बाद ही की जाएगी. ‘बोली के विजेता का फैसला हो गया है, लेकिन मंत्रियों की समिति की ओर से इसे मंजूरी मिलने के बाद ही घोषणा की जाएगी.’ लेकिन इसका दीपम (DIPAM) सचिव ने ट्वीट कर यह खंडन किया है.
दीपम सचिव ने अपने ट्वीट में कहा कि एयर इंडिया के विनिवेश को लेकर भारत सरकार द्वारा वित्तीय बोलियों को अप्रूवल देने की खबरें गलत हैं. उन्होंने कहा कि जब भी सरकार किसी वित्तीय बोली को अप्रूव करेगी, तो इसकी सूचना मीडिया को दी जाएगी.
ट्वीट में कहा गया, “एआई विनिवेश मामले में भारत सरकार द्वारा वित्तीय बोलियों के अनुमोदन का संकेत देने वाली मीडिया रिपोर्ट गलत हैं.
सरकार के निर्णय के बारे में मीडिया को सूचित किया जाएगा, जब यह लिया जाएगा.” दीपम सचिव के इस ट्वीट को वित्त मंत्रालय, वित्त मंत्री के ऑफिस, वित्त मंत्री, पीएमओ और नीति आयोग ने भी रीट्वीट किया है.
दरअसल शुक्रवार सुबह कुछ न्यूज एजेंसियों द्वारा यह खबर चलाई गई कि सरकार के मालिकाना हक वाली एयरलाइन एयर इंडिया की बोली टाट संस ने जीत ली है.
हालांकि, एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया अंतिम चरण में चल रही है. सरकार को बुधवार को कई वित्तीय बोलियां प्राप्त हुई थीं.
1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से एयर इंडिया की शुरुआत की थी
टाटा समूह ने अक्तूबर 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से एयर इंडिया की शुरुआत की थी.
वर्ष 1947 में देश की आजादी के बाद एक राष्ट्रीय एयरलाइंस की जरूरत महसूस हुई. ऐसे में भारत सरकार ने एयर इंडिया में 49 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण कर लिया.
इसके बाद 1953 में भारत सरकार ने एयर कॉर्पोरेशन एक्ट पास किया और फिर टाटा समूह से इस कंपनी में बहुलांश हिस्सेदारी खरीद ली.