कई लोगों को डर है कि आर्टिफिशियल इन्टेलिजेंस उनकी नौकरी के लिए खतरा बन सकता है. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने इस डर को खारिज करते हुए AI को फायदेमंद बताया है. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नौकरियां खत्म करने के बजाय कुछ कामों में मदद कर सकता है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पूरा काम करने के बजाय केवल कुछ काम में मदद कर सकता है. ऐसे में AI की वजह से नौकरियों के खत्म होने की बजाय नौकरियों के बढ़ने की संभावना बढ़ जाएगी.
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में AI की वजह से 42.7 करोड़ नौकरियां बढ़ेंगी जबकि 7.5 करोड नौकरियां कम होगी. AI की वजह से प्रौद्योगिकी से काम या उत्पादकता बढ़ सकती है. आईएलओ का अनुमान है कि उच्च आय वाले देशों में 5.5 फीसद नौकरियां संभावित रूप से जेनरेटिव एआई के संपर्क में हैं जबकि कम आय वाले देशों में यह 0.4 फीसद है. यानी कम आय वाले देशों में AI का कम प्रभाव पड़ेगा.
इन नौकरियों पर सबसे ज्यादा खतरा
हालांकि अभी भा कुछ नौकरियां जिनको AI प्रभावित कर सकता है. रिपोर्ट में पाया गया कि ऐसी नौकरियां जो पहले से ही ऑटोमेशन से संचालित हो रही है, उनपर AI का असर पड़ेगा. आईएलओ के मुताबिक लगभग एक चौथाई क्लर्क संभावित ऑटोमेशन से प्रभावित होंगे. इसका सबसे ज्यादा असर खासतौर पर अमीर देशों में रहने वाली महिलाओं पर पड़ेगा. वहीं भारत और फिलिपींस जैसों देश में कॉल सेंटर की नौकरियों पर खतरा पड़ेगा. AI सबसे ज्यादा फोटो, टेक्स्ट, लिखना, एनीमेशन, 3 डी मॉडल और आकंड़े इकट्ठा करने वाले क्लरेकिल काम पर असर डालेगा.