खाद्य पदार्थों की कीमत में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. पहले टमाटर, प्याज और मसालों के बाद, सबसे अधिक खपत वाली दालों में से एक चना दाल की कीमतें बढ़ने लगी हैं. सरकार अगस्त के अंत में शुरू होने वाले त्योहारी सीजन से पहले ही कई मोर्चों पर महंगाई से जूझ रही है. इससे पहले टमाटर की कीमत खुदरा बाजार में 242 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई थी.
हालांकि अरहर और उड़द जैसी अन्य दालों की तुलना में, चना के मामले में राहत की बात यह है कि राज्य एजेंसियों के पास इसका पर्याप्त स्टॉक है. इससे सरकार को बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है. हालांकि सरकार के पास चने के स्टॉक के बारे में अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. लेकिन व्यापार और बाजार सूत्रों ने कहा किचने का स्टॉक लगभग 3.5-3.6 मिलियन टन हो सकता है.
लंबे समय बाद चना हुआ महंगा
ऐसा लंबे समय के बाद हो रहा है कि चना 2023-24 के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5,335 प्रति क्विंटल से ऊपर बिक रहा है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि इस बढ़ोतरी से कितने किसानों को फायदा हो रहा है क्योंकि यह फसल आमतौर पर मार्च तक खत्म हो जाती है. मध्य प्रदेश से, दिल्ली बाजार में बेची गई कीमत के अनुसार, देसी चना दाल में लगभग 15 फीसद की बढ़ोतरी हुई है जबकि काबुली चने में 14.2-29.3 फीसद की तेजी दिख रही है. वहीं, बेसन में 12.0 फीसद की बढ़ोतरी रही है. उपभोक्ता मामलों के विभाग से प्राप्त आंकड़ों से पता चलता है कि 1 जुलाई से 12 अगस्त के बीच, दिल्ली के बाजारों में चना दाल की थोक कीमत में लगभग 11.3 प्रतिशत का उछाल आया है. चने की कीमत 5,750 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़कर 6,400 रुपए हो गई है. चना (साबुत चना) की खुदरा महंगाई दर जनवरी 2023 में 1.18 फीसद से बढ़कर जून 2023 में 2.97 फीसद हो गई है. अरहर या तुअर के लिए, यह जनवरी 2023 में 10.94 फीसद से बढ़कर जून 2023 में 27.50 फीसद रही है.
Published - August 14, 2023, 12:40 IST
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।