कोरोना महामारी के कारण अगर आप लंबे समय से कहीं घूमने नहीं गए हैं तो अब तैयार हो जाएं प्रकृति की खूबसूरती का आनंद लेने के लिए. दरअसल चार महीने से बंद पड़ी हर साल हजारों की संख्या में लोग इस रूट पर यात्रा करते हैं. लेकिन कोरोना की स्थिति को देखते हुए इस ट्रेन को चार महीने पहले अप्रैल में बंद कर दिया गया था.
133 पैसेंजर की क्षमता है ट्रेन की
नीलगिरी माउंटेन रेलवे (NMR) को चार महीने बाद मेट्टुपालयम से उद्गमंडलम के लिए फिर से शुरू किया गया है. ट्रेन शुरू होने के साथ ही यात्रियों में इसे लेकर खासा उत्साह देखा गया है. पहले ही दिन 133 पैसेंजर की क्षमता वाली ट्रेन में 105 यात्रियों ने सफर किया. रेलवे की ओर से यात्रियों से कोरोना के नियम मानने की भी अपील की गई है.
मेट्टुपालयम-उदगमंडलम के बीच चलने वाली यह ट्रेन पूरी तरह से रिर्जवर्ड रहती है. यात्रा करने के लिए लोगों को पहले इसमें बुकिंग करानी होती है. रेलवे ने कहा कि केवल आरक्षित यात्रियों को ही ट्रेन में चढ़ने की अनुमति होगी
क्या है खास
नीलगिरी माउंटेन रेलवे ट्रैक को साल 1908 में बनाया गया था. इस ट्रेन में चार बोगियां होती हैं. माना जाता है. इस ट्रेन रूट पर 10 से ज्यादा सुरंग हैं और 258 ब्रिज हैं जो इस ट्रेन की यात्रा को शानदार और रोचक बनाती है. ये ट्रेन भाप से चलती है. अपने पूरे सफर के दौरान यात्री खूबसूरत वादियों को निहार सकते हैं.
Be mesmerised by the scenic beauty of Nilgiris:
Train services have resumed on Nilgiri Mountain Railway.