अदानी समूह भारत में ग्रीन हाइड्रोजन इकोसिस्टम तैयार करना चाहता है. इसके लिए समूह की अदानी ग्लोबल पीटीई लिमिटेड ने जापानी कंपनी कोवा ग्रुप के साथ हाथ मिलाया है. इस ज्वाइंट वेंचर में दोनों कंपनियों की 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी. शुरुआती चरण में 10 लाख टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन किया जाएगा, जिसे बाद में बढ़ाकर 30 लाख टन किया जाएगा.
अदानी समूह भारत में पूरी तरह से एकीकृत ग्रीान हाइड्रोजन इकोसिस्टम स्थापित करने के लिए अगले 10 वर्षों में 50 अरब डॉलर तक का निवेश करेगा. ग्रीन हाइड्रोजन का निर्माण भारत में अदानी न्यू इंडस्ट्रीज लिमिटेड (ANIL) के तहत किया जाएगा. वहीं ज्वाइंट वेंचर का काम जापान, ताइवान और हवाई में उत्पादों की मार्केटिंग पर ध्यान केंद्रित करना है.
बता दें ANIL अदानी समूह का ग्रीन हाइड्रोजन प्लेटफॉर्म है. ये बड़े पैमाने पर ग्रीन हाइड्रोजन और उससे जुड़े टिकाऊ डेरिवेटिव का उत्पादन करने के लिए एंड-टू-एंड समाधान विकसित करने में लगा हुआ है. एएनआईएल के तहत पहली परियोजना गुजरात में चरणों में लागू की जाएगी. इसमें 1 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष ग्रीान हाइड्रोजन उत्पाद का लक्ष्य होगा. प्रारंभिक चरण के उत्पादन का काम वित्त वर्ष 2027 तक शुरू होने की उम्मीद है. कंपनी का कहना है कि बाजार की स्थितियों के आधार पर, एएनआईएल का लक्ष्य अगले 10 वर्षों में लगभग 50 अरब डॉलर के निवेश के साथ ग्रीन हाइड्रोजन की क्षमता 3 एमएमटीपीए तक बढ़ाई जाएगी.