हिंडनबर्ग रिसर्च की 24 जनवरी को आई एक रिपोर्ट में समूह के खातों में धोखाधड़ी और शेयर कीमतों में हेराफेरी के आरोप लगाए गए थे. इसके बाद समूह की कंपनियों को लेकर निवेशकों के बीच खलबली मच गई.
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद गहरे संकट में फंसे अदानी ग्रुप (Adani Group) माली हालत पटरी पर आती दिख रही है. ग्रुप ने 13 करोड़ डॉलर के बॉन्ड (Bond) की पुनर्खरीद (Buy Back) की प्रक्रिया शुरू कर दी है. अदानी समूह की कंपनी अदानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (APSEZ) ने सोमवार को बॉन्ड पुनर्खरीद का कार्यक्रम शुरू किया. इस साल जनवरी में अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद अडाणी समूह ने पहली बार बॉन्ड की बायबैक शुरू की है.
पुनर्खरीद के लिए कंपनी ने की निविदा आमंत्रित
एपीएसईजेड की ओर से शेयर बाजार को भेजी गई सूचना के अनुसार कंपनी ने अपने जुलाई 2024 के बॉन्ड की 13 करोड़ डॉलर तक पुनर्खरीद करने के लिए निविदा आमंत्रित की है. कंपनी अगली चार तिमाहियों में समान राशि के बायबैक और करेगी. समूह ने अपनी नकदी की स्थिति को बेहतर साबित कर निवेशकों का भरोसा दोबारा हासिल करने की कवायद के तहत यह कदम उठाया है.
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद कंपनी के शेयरों में थी गिरावट
बता दें कि हिंडनबर्ग रिसर्च की 24 जनवरी को आई एक रिपोर्ट में समूह के खातों में धोखाधड़ी और शेयर कीमतों में हेराफेरी के आरोप लगाए गए थे. इसके बाद समूह की कंपनियों को लेकर निवेशकों के बीच खलबली मच गई. अडाणी समूह ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है. हालांकि शेयर बाजार में लिस्टेड समूह की सभी 10 कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट का लंबा दौर चला था.
कर्ज में कटौती करना चाहता है समूह
अब बॉन्ड बायबैक और अन्य उपायों के जरिए समूह कर्ज में कटौती करने के हरसंभव प्रयास कर रहा है. एपीएसईजेड ने कहा कि उसने अपने 3.375 फीसद डॉलर मूल्य वर्ग के बॉन्ड के लिए पुनर्खरीद कार्यक्रम शुरू किया है जिनकी मैच्योरिटी 2024 में है. कर्ज में कटौती की प्रक्रिया खबरों से सोमवार को APSEZ के शेयर ने एक फीसद की मजबूती के साथ 670 रुपए का ऊपरी स्तर छुआ। बीएसई में कारोबार के दौरान कंपनी का शेयर 656 और 670.45 रुपए के दायरे में रहा.