आधार (Aadhaar) अब पेंशनरों के डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट, जीवन प्रमाण हासिल करने के लिए अनिवार्य नहीं रहा. सरकार के जारी किए गए नए नियम के मुताबिक, पेंशनरों के लिए अब अपने डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र के लिए आधार का इस्तेमाल करना अब जरूरी नहीं होगा. पेंशन हासिल कर रहे लाखों लोगों को इससे बड़ी राहत मिलेगी. सरकार ने अपने इंस्टैंट मैसेजिंग सॉल्यूशन संदेश और सरकारी दफ्तरों में अटेंडेंस मैनेजमेंट के लिए भी आधार को स्वैच्छिक कर दिया है. यानी यह चीज अब कर्मचारी की मर्जी पर है कि वह अपनी उपस्थिति या मैसेजिंग में ऑथेंटिकेशन के लिए आधार इस्तेमाल करना चाहता है या नहीं. आधार ऑथेंटिकेशन फॉर गुड गवर्नेंस (सोशल वेल्फेयर, इनोवेशन, नॉलेज) रूल्स, 2020 के तहत ऐसा अनिवार्य था. पेंशनरों के डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट की स्कीम को इस वजह से पेश किया गया था ताकि पेंशनरों को ट्रेजरी या दूसरे संबंधित दफ्तर जाकर खुद को उपस्थित न करना पड़े. पेंशनरों को साल में एक बार इस वजह से खुद उपस्थित होना पड़ता है ताकि वे अपने जीवित होने का प्रमाण दे सकें. पेंशनरों की इसी दिक्कत को दूर करने के लिए सरकार ने डिजिटल तौर पर लाइफ सर्टिफिकेट देने की स्कीम लॉन्च की थी. डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट से पेंशनरों को संबंधित जाए बगैर ही अपने जीवित होने का सबूत देने की आसानी हो गई है. हालांकि, कई पेंशनरों ने आधार न होने की वजह से पेंशन मिलने में दिक्कत होने की बात कही है. इसके अलावा, कई दफा उम्र बढ़ने के चलते बायोमीट्रिक मशीन उंगलियों को पढ़ नहीं पाती और इनके आधार कार्ड जारी नहीं हो पाते हैं. इसके चलते भी पेंशनरों को दिक्कत होती है. हालांकि, कुछ सरकारी संगठनों ने 2018 में पेंशन जारी करने का एक वैकल्पिक तरीका मुहैया कराया है, लेकिन, अब डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट के लिए आधार को स्वैच्छिक कर दिया गया है. मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी के 18 मार्च की तारीख के एक नोटिफिकेशन में कहा गया है, “जीवन प्रमाण में आधार ऑथेंटिकेशन अब स्वैच्छिक आधार पर होगा और यूजर ऑर्गनाइजेशंस जीवन प्रमाण पत्र देने के लिए वैकल्पिक जरिये मुहैया कराएंगे. NIC आधार एक्ट 2016, आधार रेगुलेशन 2016 और ओएम (ऑफिशियल मेमोरैंडम) और UIDAI के समय-समय पर जारी किए गए सर्कुलर्स और गाइडलाइंस के प्रावधानों का पालन करेगी.” इसी तरह से इलेकट्रॉनिक्स एंड आईटी मिनिस्ट्री ने आधार को इंस्टैंट मैसेजिंग सॉल्यूशन संदेश एप के लिए भी ऑप्शनल कर दिया गया है. एक अलग नोटिफिकेशन में कहा गया है, “संदेश के आधार ऑथेंटिकेशन को स्वैच्छिक कर दिया गया है और यूजर ऑर्गनाइजेशन अब इसके लिए वैकल्पिक तरीका इस्तेमाल कर सकते हैं. ”
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