Millionaire Women Milk-Seller: गुजरात का दूध उत्पादन करने का को-ऑपरेटिव मॉडल पूरी दुनिया में मशूहर है. इस मॉडल की वजह से गुजरात में बड़ी संख्या में लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनने का मौका मिलता है और इसका फायदा महिलाएं भी उठा रही है. गांवों में रहने वाली अनपढ़ महिलाएं अब दूध बेचकर साल में 50 लाख से 1 करोड़ रुपये की कमाई कर लेती हैं. गाय-भैंसों के साथ काम करने वाली ये महिलाएं शहरों के पढे़-लिखे और शानदार ऑफिस में काम करने वाले प्रॉफेशनल्स से भी ज्यादा कमाई करती हैं और महिला सशक्तिकरण का श्रेष्ठ उदाहरण बन रही हैं.
बनासकांठा की महिलाएं बेचती हैं करोड़ों का दूध
बनासकांठा जिले के जोइता, बेवटा, दीपड़ा, बसु, सरदारपुरा, साग्रेसणा, थावर, धनाली जैसे गांवों की महिलाएं दूध बेचकर सालाना 50 लाख से 1 करोड़ रुपये से ज्यादा कमाई करती हैं. ये महिलाएं अनपढ़ हैं, लेकिन इनकी इनकम किसी पढ़े-लिखे प्रोफेशनल से कम नहीं है. गांव की इन महिलाओं का दिन सुबह 4 बजे से शुरू होता है. बनास डेयरी के साथ जुड़ी इन महिलाओं को सम्मानित भी किया गया है.
कितना मिलता है पैसाः घास, लेबर, बिजली, पानी, अन्य खर्चे निकालने के बाद मवेशियों का दूध बेचने से इन्हें 10-15% प्रॉफिट मिलता है. दूध की क्वॉलिटी के आधार पर इन्हें भुगतान किया जाता है. एक किलो फैट पर उन्हें 680 से 700 रुपये की कीमत मिलती है, जिस हिसाब 6.5% फैट से 9% (SN) फैट के दूध के लिए इन्हें को 45-50 रुपये प्रति लीटर मिलता है.
नवलबेन के नाम है कीर्तिमान
गुजरात के बनासकांठा जिले के वडगाम तहसील के नगाणा गांव की रहने वाली 64 साल की नवलबेन दलसंगभाई चौधरी ने साल 2020-2021 में दूध बेचकर 1.10 करोड़ रुपये से ज्यादा इनकम हासिल करने का एक कीर्तिमान स्थापित किया है. अपने दम पर यह मुकाम हासिल करने वाली नवलबेन ने अपने जिले में एक मिनी-क्रांति शुरू की है. उन्होंने 2020 में हर महीने 3.50 लाख रुपये का मुनाफा कमाकर एक रिकॉर्ड बनाया है. 2019 में उन्होंने 87.95 लाख रुपये का दूध बेचा था. उन्हें दो बार लक्ष्मी पुरस्कार और तीन बार पादरी पुरस्कार भी मिल चुका है.
कैसे हुआ कमाल
नवलबेन ने काफी कम लागत से पशुपालन व्यवसाय शुरू किया था. 30-40 गाय-भैंस से शुरुआत करने वाली नवलबेन के पास 220 से ज्यादा भैंस और गाय हैं और 15 लोगों को रोजगार देती हैं. नवलबेन अपनी गायों की देखभाल खुद करती हैं और दिन में 1,200 लीटर से ज्यादा दूध बेचती हैं. उनके पति दूध व्यवसाय में उनका हाथ बटाते हैं. उनके चार बेटे अपना-अपना कारोबार देखते हैं.
नवलबेन का कहना है कि, उनके चार बेटे शहरों में अपना-अपना कारोबार करते हैं, लेकिन नवलबेन से बहुत कम कमाते हैं. “मेरे चार बेटे हैं जो शहरों में काम कर रहे हैं. मेरे काम में मेरे पति मदद करते हैं, लेकिन वह ज्यादातर खेतीबाड़ी का काम देखते हैं. मैं 220 भैंसों और गायों की डेयरी चलाती हूं. 2020 में 1 करोड़ 10 लाख रुपये का दूध बेचकर मैं नंबर वन तक पहुंची हूं.”
नवलबेन का मानना है कि घर पर बैठे रहने से अच्छा है महिलाएं कुछ न कुछ कारोबार करें. दूध बेचने का काम भी कर सकते हैं.
वे कहती हैं, “मैंने केवल 20 पशुओं के साथ शुरुआत की थी, आज मेरे पास 200 से ज्यादा पशुधन है और मैं ज्यादा पशु खरीदना चाहती हूं. सारा काम मैं संभालती हूं. मैं चाहती हूं कि महिलाएं कोई भी काम करने में शर्म न रखें और मेहनत करके पैसा कमाएं. आज मैं खुश हूं, लोग मेरी डेयरी देखने आते हैं, बड़े-बड़े लोग मेरा सम्मान करते हैं.”
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