लोगों की सुरक्षा के मकसद से सरकार ने कारों में 6 एयरबैग का होना अनिवार्य किया था. यह नीति 1 अक्टूबर, 2023 से लागू होनी थी, मगर अब सरकार इस फैसले को कम से कम एक साल के लिए टाल सकती है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस सिलसिले में अभी कोई कागजी कार्रवाई या मसौदा तैयार नहीं किया गया है.
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी का कहना है कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) फिलहाल इस पर काम नहीं कर रहा है और जब भी नीतिगत निर्णय तैयार होगा, मंत्रालय विवरण साझा करेगा. छह एयरबैग अनिवार्य करने को लेकर जनवरी 2022 में, एक अधिसूचना जारी की गई थी. जिसमें, MoRTH ने सभी M1 श्रेणी के वाहनों में छह एयरबैग आवश्यक तौर पर लगाए जाने की बात कही गई थी.
केंद्रीय मोटर वाहन नियम (CMVR), 1989 के अनुसार, एम1 श्रेणी के वाहनों में ड्राइवर की सीट के अलावा अधिकतम आठ सीटों वाली यात्री कारों को इसमें शामिल किया गया था. इन 8 कैटेगरी में हैचबैक, सेडान, मल्टी/स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन यानी एमयूवी व एसयूवी शामिल हैं. सरकार के नए नियम के ऐलान के बाद से कई मोटर कंपनियों ने अपनी नई लॉन्च गाडि़यों में 6 एयरबैग देने शुरू भी कर दिए. हुंडई मोटर इंडिया ने क्रेटा, अलकजार, आयोनिक 5, टक्सन और एक्सटर सहित कई वाहनों में मानक के रूप में छह एयरबैग फिट करना शुरू कर दिया है. अभी एकमात्र छोटी कार ग्रैंड आई10 निओस और कॉम्पैक्ट सेडान ऑरा में अभी मानक के रूप में चार एयरबैग हैं.
बता दें सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी ने कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में यात्रियों की सुरक्षा को दुरुस्त किए जाने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि सबसे छोटी, यहां तक कि नैनो मॉडल जैसी कार में भी छह एयरबैग जरूरी होंगे. हालांकि इस फैसले से कार उद्योग कंपनियों का कहना था कि इससे गाड़ी की कॉस्ट बढ़ जाएगी.