कोरोना का कहर सिर्फ आम जीवन पर नहीं, बल्कि जेब पर भी पड़ना शुरू हो गया है. एक बार फिर कोरोना के चलते कंपनियों ने सैलरी में कटौती करना शुरू कर दिया. खबर है कि एविएशन सेक्टर में एक बार फिर परेंशानियां शुरू हो गई हैं. SpiceJet में कैश संकट आ गया है. कंपनी ने कुछ कर्मचारियों की सैलरी में 10-50 फीसदी तक की कटौती करने का फैसला किया है. बिजनेस स्टैंडर्ड की खबर के मुताबिक लोडर और ड्राइवरों सहित जूनियर कर्मचारियों को पूरा वेतन मिला है.
ग्राउंड स्टाफ, केबिन क्रू, वाणिज्यिक कर्मचारियों और पायलटों सहित अन्य को अप्रैल के वेतन का सिर्फ 10-50 प्रतिशत का भुगतान किया गया है. एयरलाइन के चेयरमैन अजय सिंह ने भी पूरी सैलरी नहीं ली है. कर्मचारियों को सूचित किया गया है कि स्थिति में सुधार होने के बाद स्थगित वेतन का भुगतान किया जाएगा.
स्पाइस जेट के वाइस प्रेसीडेंट (ऑपरेशंस) गुरूचरण अरोड़ा का कहना है कि फरवरी 2021 तक 300,000 से अधिक यात्री रोजाना हवाई सफर कर रहे थे. अब ये गिरकर 1.30 लाख यात्री से भी कम पर आ गया है. ऐसे में कंपनी को बड़ा नुकसान हो रहा है. उन्होंने एक पत्र के जरिए पायलट को ये जानकारी दी है.
उनका कहना है कि उच्च वेतन ग्रेड वालों की सैलरी में 10 प्रतिशत से 50 प्रतिशत के बीच कटौती की गई है. इस आर्थिक संकट से बचने के लिए यह एक अस्थायी उपाय है. शर्तों में सुधार होने पर कंपनी द्वारा स्थगित वेतन का भुगतान किया जाएगा.
बिजनेस स्टैंडर्ड को एक ग्राउंड स्टाफ ने बताया कि जब कल शाम वेतन पर्ची मिली तो सब हैरान रह गए. महामारी के चलते हमने पिछले साल अपनी सैलरी में कटौती की टेंशन को झेला था. एक जमीनी कर्मचारी ने कहा, “कोई स्पष्टता नहीं है कि बाकी के वेतन भुगतान कब किया जाएगा.
ICRA की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना संकट की वजह से 25 मई, 2020 से 31 अक्टूबर 2020 के बीच भारतीय एविएशन इंडस्ट्री के कारोबार में साल-दर-साल 73 फीसदी की गिरावट आयी है और इस वित्त वर्ष में एविएशन इंडस्ट्री को करीब 21,000 करोड़ रुपये का नुकसान का अनुमान लगाया था.
रिपोर्ट में बताया गया है कि मौजूदा वित्त वर्ष (2021-22) में एविएशन इंडस्ट्री का कर्ज बोझ बढ़कर 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है. इकरा के मुताबिक अगले दो साल में इस इंडस्ट्री को करीब 35,000 करोड़ रुपये के फंड की जरूरत पड़ सकती है.
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