देश की एकमात्र सरकारी एयरलाइंस एयर इंडिया (Air India) ने कोविड-19 के दौर में हवाई किरायों में बढ़ोतरी की है. कोरोना के कारण देश में अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को निलंबित कर दिया गया है. इस स्थिति में, सरकार किसी जरूरी काम, अवसर या उच्च शिक्षा के लिए जाने वाले छात्रों की सुविधा के लिए वंदे भारत मिशन और एयर बबल समझौते के तहत विशेष उड़ानें संचालित कर रही है. सरकार ने इस तरह की उड़ानों के लिए केवल एयर इंडिया को ही मंजूरी दी है. ऐसे में एयर इंडिया का किराया लोगों की जेब पर भारी पड़ रहा है.
सामान्यतः अहमदाबाद से अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा के शहरों का एक तरफा किराया 35,000 रुपये से लेकर 45,000 रुपये के बीच रहता है, जिसके लिए वर्तमान में एयर इंडिया 1.5 लाख रुपये चार्ज कर रही है.
ट्रैवल एजेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनीष शर्मा ने कहा, “भारत में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध के कारण लोगों से ढाई से तीन गुना शुल्क लिया जा रहा है क्योंकि उनके पास एयर इंडिया (Air India) के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है. यहां तक कि अगर यात्रि किसी भी कारण से यात्रा की तारीख में बदलाव करते हैं, तो उन्हें 35,000 रुपये से लेकर 65,000 रुपये तक के अतिरिक्त शुल्क के साथ ही फेयर डिफरन्स मिला के लगभग 80,000 से 1 लाख रुपये का किराया चुकाना पड़ता है. ट्रैवल एजेंटों ने इस बात की शिकायत केंद्रीय विमानन मंत्री के साथ-साथ प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को भी की है. इतना ही नहीं आने वाले दिनों में एजेंट्स की तरफ से उच्च-न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की जाएगी.”
ट्रैवल एजेंट्स को इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के नियमों के अनुसार अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बुक करने के लिए अधिकृत किया जाता है. लेकिन एयर इंडिया (Air India) के अधिकारियों ने टिकट बुक करने के लिए ट्रैवल एजेंटों के अधिकार को रोक दिया है.