अमेरिकी वित्त विभाग के ताजा आंकड़ों के अनुसार, इस साल जून के अंत तक अमेरिकी प्रतिभूतियों में निवेश के मामले में भारत 11वें स्थान पर था.
RBI के अलावा बैंकों ने सरप्लस फंड्स को ओवरसीज सॉवरेन पेपर्स में भी रखना शुरू कर दिया है, जिसके लिए रिजर्व बैंक ने हाल ही में नियमों को उदार बनाया है.