सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022-23 के रबी सत्र में मसूर का उत्पादन 1.56 करोड़ टन हुआ था
इस साल मानसून की देरी की वजह से देश के प्रमुख तुअर उत्पादक राज्यों में तुअर की खेती प्रभावित होने की आशंका है.