क्लियरिंग कॉर्प ऑफ इंडिया के आंकड़ों के अनुसार प्राइवेट बैंकों ने कुल 1 बिलियन डॉलर बॉन्ड खरीदे, जो 15 नवंबर 2016 के बाद से सबसे बड़ी खरीद है
बैंकों के निजीकरण को लेकर फिर से एक्शन में आई सरकार.