अगर सामर्थ्य के सवाल को छोड़ दिया जाए. दुनिया में किसी भी व्यक्ति से पूछा जाए कि क्या वह पैसे बचाना चाहेगा? तो ज्यादातर लोगों का जवाब होगा हां.
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति और प्रधानमंत्री बीमा सुरक्षा के प्रीमियम (330 रुपये और 12 रुपये सालाना) पर जीएसटी नहीं है.
पना पैसा ऐसे उत्पादों में लगा सकते हैं जिनका मूल्य बढ़ता हो. जैसे करिअर, जमीन या सोना वगैरह में निवेश करने से समय के साथ उसका मूल्य बढ़ेगा.
30 साल पहले जब अर्थव्यवस्था को उदार बनाया गया था, तब यह लक्ष्य था कि प्रतिस्पर्धा को बढ़ाया जाए और आर्थिक सत्ता का विकेंद्रीकरण किया जाए.
31 दिसम्बर 2019 से 31 दिसम्बर 2020 के बीच बिना किसी दावेदारी वाली बैक जमा रकम में करीब छह हजार करोड़ रुपये की बढ़त हुई.
सेविंग, रिटायरमेंट, प्यूचर प्लानिंग युवाओं को महज शब्द लगते हैं. लेकिन युवावस्था में इनके बीज बोए जाएं तो भविष्य में इसकी फसल हासिल होती है.
इस बात के आसार भी मजबूत हैं कि अक्टूबर-दिसम्बर तिमाही के दौरान त्यौहारी मांग बढ़ने से महंगाई दर के ऊपर जाने के आसार होंगे.
Monetary Policy: एमपीसी ने पॉलिसी रेटस को अनचेंज्ड रखने का फैसला लिया है. ये एक ऐसा निर्णय है जिसकी काफी हद तक उम्मीद थी.
virtual currency: स्टडीज बताती हैं कि सरकारों की वर्चुअल करेंसीज को लोगों ने तवज्जो नहीं दी, जबकि निजी cryptocurrency का जबरदस्त क्रेज है.
वैसे अभी तक के अनुभव यही बताते हैं कि मौजूदा केंद्र सरकार में राजनैतिक संकल्पशक्ति का अभाव दूर दूर तक नहीं है.