अक्सर ये स्वीकार करना कठिन हो जाता है कि पर्सनल फाइनेंस को हमारी स्कूली पढ़ाई में एक विषय के रूप में नहीं देखा जाता. जबकि पर्सनल फाइनेंस का महत्व बहुत ज्यादा है, क्योंकि यह हमारे भविष्य को तय करता है. यदि हमें भविष्य की शिक्षा दी जाए तो, हम आगे की कई समस्याओं का सामना करने में सक्षम हो सकते हैं. युवा होना, तभी एक वरदान बन सकता है जब हम इसका उपयोग सही तरीके से करें. सेविंग, रिटायरमेंट, प्यूचर प्लानिंग युवाओं को महज शब्द लगते हैं. लेकिन युवावस्था में इनके बीज बोए जाएं तो भविष्य में इसकी फसल हासिल होती है. युवाओं इन कारणों से शुरू से ही सेविंग (बचत) के बारे में सोचना चाहिए.
शुरुआत में तकलीफ, लेकिन बाद में आराम
युवावस्था में लचीलापन अपने अधिकतम स्तर पर होता है. इस समय बहुत अधिक जिम्मेदारियां नहीं होती, इसलिए आप पार्ट-टाइम, फुल टाइम जॉब कर सकते हैं और इनके साथ अन्य काम भी कर सकते हैं. दूसरी बड़ी बात यह है कि इस दौर में आप जो आदत डालते हैं, वह पूरी जिंदगी आपके साथ बनी रहती है. इस उम्र बचत करना थोड़ा कष्टप्रद हो सकता है किंतु जैसे ही आप इसे अपनी आदत बना लेते हैं, भविष्य में आपको इसका रिवार्ड मिलता है.
जल्द बचत यानी जल्द रिटायरमेंट की सहूलियत
वीकेंड पर आराम करना किसे पसंद नहीं आता? कल्पना कीजिए, यदि हर दिन वीकेंड की तरह हो जाए तो कैसा लगेगा. यदि आप शुरुआत से ही बचत करते हैं और लंबे समय तक ऐसा करते हैं तो बड़ी उम्र में आपके पास बहुत सा पैसा होगा. आपकी जमा राशि कपाउंड होती रहती है और वास्तव में जो आप जमा करते हैं उससे कहीं ज्यादा आपके पास पैसा होता है.
एक तीर से दो निशाने
शुरू से ही बचत करने के दो फायदे हैं. पहला, बचत की आदत बनती है और दूसरा, खर्च कितना करना है, इसका पता चलता है. जब आप बचत करने लगते हैं तो अनावश्यक खर्च करने के लिए आपके पास पैसा नहीं होता.
जवानी में होती है जोखिम लेने की ज्यादा क्षमता
युवावस्था में अधिक जिम्मेदारियां नहीं होतीं, इसलिए इस उम्र में जोखिम लेने की क्षमता अधिक होती है. आप ऐसे निवेश कर सकते हैं जो ज्यादा रिस्की हो, जबकि बड़ी उम्र में ऐसा करना मुश्किल हो जाता है. और अधिक जोखिम लेने पर फायदा भी अधिक होता है. जिससे आपको उम्मीद से अधिक रिटर्न भी मिलता है.
अनुभव की अहमियत
जब आप युवा होते हैं तब हरेक कदम पर सीखते जाते हैं और परिपक्व होते जाते हैं. जबकि 30 या 40 की उम्र में आपकी जोखिम लेने की क्षमता कम होती है. और यदि आपका अनुभव कम है तो आप निवेश के गलत फैसले ले सकते हैं जिससे भविष्य में आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है. इसलिए युवावस्था में आप कई तरह के प्रयोग कर सकते हैं और फायदा यह होता है कि भविष्य में क्या सही है, इसकी आपको समझ हो जाती है.
कर्जदार होने से पैसा उधार देना अच्छा
कर्ज लेने वाले से अच्छा कर्ज देने वाला बनना है. साथ ही इससे आत्म-सम्मान भी बढ़ता है. यदि आपने युवास्वथा से बचत शुरू की है तो भविष्य की जरूरतों के लिए आपके पास काफी पैसा होता है. और कभी इसकी कमी नहीं होती. इस स्थिती में यदि आप की मदद करते हैं तो आपका सम्मान भी बढ़ता है.
इन फायदों की लिस्ट काफी लंबी हो सकती है, फिर भी इतनी पर्याप्त है कि जिससे आपको युवावस्था में बचत करने की प्रेरणा मिल सके.
पुरानी कहावत है, early to bed early to rise makes a man healthy wealthy and wise. ठीक इसी तरह, हम कह सकते हैं कि शुरुआती उम्र में बचत करने की आदत से भविष्य में बड़ी संपत्ति तैयार की जा सकती है.
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