कस्टमर्स और कंपनियों का रिश्ता भरोसे और वादे का होता है, लेकिन साथ ही जब बार-बार भरोसा टूटता है तो कोई भी वादा खोखला नजर आता है.
चौथी तिमाही में टियर-2 और टियर-3 शहरों ने ट्रांजैक्शंस की संख्या के आधार पर 50 फीसदी हिस्सेदारी हासिल कर बड़े शहरों को तगड़ी चुनौती दी है.