पिछले साल मार्च में कोविड के तेजी से फैलने और लॉकडाउन लगाए जाने के बाद से देश में डिजिटल ट्रांजैक्शंस में बड़ा उछाल आया है बेंगलुरु की फिनटेक कंपनी रेजरपे ने एक रिपोर्ट में कहा है कि 2020-21 के जनवरी से मार्च तिमाही में इससे एक साल पहले की इसी अवधि के मुकाबले डिजिटल ट्रांजैक्शंस में 76 फीसदी का इजाफा हुआ है.
छोटे शहरों की हिस्सेदारी 50% से ज्यादा
इस रिपोर्ट में गूगल पे, फोनपे, भारतपे जैसे UPI बेस्ड और नेटबैंकिंग पेमेंट्स को शामिल किया गया है. इसमें डेबिट और क्रेडिट कार्ड्स के ट्रांजैक्शंस को शामिल नहीं किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि चौथी तिमाही में टियर-2 और टियर-3 शहरों ने ट्रांजैक्शंस की संख्या के आधार पर 50 फीसदी हिस्सेदारी हासिल कर बड़े शहरों के सामने एक तगड़ी चुनौती पैदा की है.
BNPL में 569% की ग्रोथ
ऐसा पहली बार हो रहा है जबकि छोटे शहरों ने कुल डिजिटल ट्रांजैक्शंस में आधा हिस्सा अपने नाम दर्ज किया है. रेजरपे के SME बिजनेस हेड, वेदनारायण वेदांतम ने कहा, “डिजिटल ट्रांजैक्शंस का 50 फीसदी से ज्यादा हिस्सा टियर-2 और टियर-3 शहरों से आ रहा है, इससे पता चलता है कि यह बदलाव केवल शहरों तक सीमित नहीं है. छोटे कारोबारी नए पेमेंट तरीके मुहैया करा रहे हैं और ज्यादा बड़े कस्टमर बेस तक पहुंच रहे हैं.” बाय नाउ पे लेटर (BNPL) जैसे पेमेंट विकल्पों की पिछले 12 महीनों के दौरान 569 फीसदी ग्रोथ रही है. इससे साफ हो रहा है कि कंज्यूमर बड़े पेमेंट्स की बजाय सस्ते पेमेंट विकल्पों को तरजीह दे रहे हैं.
eNACH पर 23,962% बढ़े ट्रांजैक्शंस
2020 की शुरुआत में eNACH (इलेक्ट्रॉनिक नेशनल ऑटोमेटेड क्लीयरिंग हाउस) पर केवल 500 ट्रांजैक्शंस ही दर्ज किए गए थे, अब इस सेक्टर में 2019-20 की चौथी तिमाही के मुकाबले 2020-21 की चौथी तिमाही में 23,962 फीसदी की भारी ग्रोथ दर्ज की गई है.
दूसरी ओर, ट्रैवल इंडस्ट्री खुद को वापस पटरी पर लाने की कोशिश कर रही है. इसका संकेत चौथी तिमाही में 52 फीसदी ग्रोथ से मिल रहा है. फूड एंड बेवरेज इंडस्ट्री की ग्रोथ 69 फीसदी रही है, जबकि स्कूल और कॉलेज फीस और सैलरी के ऑनलाइन पेमेंट में 40 फीसदी से ज्यादा ग्रोथ हासिल हुई है.
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