मई महीने में सराकारी कंपनियों (PSU Stocks) के शेयरों ने जोरदार तेजी दिखाई है. सिर्फ इसी महीने, सरकारी कंपनियों के इंडेक्स निफ्टी PSE और निफ्टी CPSE में 10 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया है. अगर आपको भी इन कंपनियों की तेजी भा रही है तो आपके पास म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश करने का क्या तरीका है? अगर आप सीधे शेयर में निवेश कर ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते तो म्यूचुअल फंड और ETF का रास्ता अपना सकते हैं. बाजार में कुछ ऐसे म्यूचुअल फंड हैं जो इन सरकारी कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं, वहीं आपके पास CPSE ETF का रास्ता भी है. लेकिन इन दोनों में बेहतर कौन सा है?
पहले देखते हैं कि सरकारी कंपनियों का इस साल प्रदर्शन कैसा रहा है.
मई में सरकारी कंपनियों में BHEL, SAIL और NMDC सबसे ज्यादा चढ़ने वाले शेयर रहे हैं. BHEL में जहां इस महीने 45.56 फीसदी का उछाल आया है वहीं साल की शुरुआत से अब तक ये शेयर 87 फीसदी की दौड़ लगा चुका है. SAIL भी इस रेस में पीछे नहीं, ये इस महीने 36 फीसदी भागा है और साल 2021 में अब तक 68.76 फीसदी चढ़ा है.
निफ्टी PSE में शामिल 20 शेयरों में से दो को छोड़कर अन्य सभी मई महीने में हरे निशान में हैं.
ETF यानी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स. इन्हें आप सीधा स्टॉक एक्सचेंज से खरीद सकते हैं. साथ ही उनकी खरीदारी शेयरों की तरह की शेयर बाजार के कारोबारी समय में होती है. यही वजह है कि इनमें ज्यादा लिक्विडिटी मानी जाती है. CPSE यानी सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेस. CPSE ETF का निवेश 12 सरकारी कंपनियों (PSU Stocks) में हैं जिनमें ONGC, BEL,पावर ग्रिड, NTPC, कोल इंडिया जैसे शेयरों में निवेश है. ETF का मौजूदा भाव 25 रुपये के करीब है. ETF में खरीदारी के लिए आपके पास डिमैट खाता होना चाहिए.
खास बात ये है कि CPSE ETF पर एक्सपेंस रेश्यो (निवेश पर लगने वाली फीस) सिर्फ 0.01 फीसदी है.
पिछले एक साल में CPSE ETF ने 53 फीसदी के करीब के रिटर्न दिए हैं. हालांकि, 3 साल की अवधि में देखें तो ये 3 फीसदी से ज्यादा नीचे भी गिरा. ध्यान रहे कि इक्विटी में निवेश शेयर बाजार से जुड़े जोखिमों के अधीन है और उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं.
किसी खास सेक्टर में निवेश करने वाले फंड्स को थीमेटिक फंड कहा जाता है. सरकारी कंपनियों (PSU Stocks) में निवेश करने के लिए चुनिंदा म्यूचुअल फंड्स ही मौजूद हैं. इनमें SBI PSU फंड ने पिछले एक साल में 53.39 फीसदी के रिटर्न दिए हैं जबकि आदित्य बिड़ला सन लाइफ PSU फंड ने 62.6 फीसदी की कमाई कराई है. ये इस कैटेगरी का लेटेस्ट फंड है इसलिए इसका 3 साल और 5 साल की अवधि का रिटर्न नहीं है.
गौर करेंगे तो पाएंगे कि इन दोनों फंड्स ने CPSE ETF से बेहतर रिटर्न दिया है. PSU इक्विटी फंड्स ने लंबी अवधि में भी CPSE ETF से बेहतर रिटर्न दिए हैं. लेकिन, इनमें एक्सपेंस रेश्यो 2 फीसदी से ज्यादा है.
Moneyfront के फाउंडर मोहित गांग के मुताबिक निवेशकों को सेक्टरोल फंड्स में निवेश से बचना चाहिए क्योंकि इनमें फंड मैनेजर के पास सीमित विकल्प होते हैं. साथ ही सरकारी कंपनियों की चाल सरकार के मनमुताबिक रहती है – रणनीति, पॉलिसी में बदलाव, विनिवेश आदि. उनका कहना है कि इनमें लंबी अवधि में बड़ा मुनाफा होने की संभावना कम रही है. सरकारें अक्सर लोकलुभावन नीतियां लाने पर काम कर रही होती हैं जिससे दबाव बनता है.
हालांकि, प्राइवेटाइजेशन और विनिवेश जैसी स्थिति में बड़ी वैल्यू अनलॉकिंग हो सकती है लेकिन उसके लिए इंतजार लंबा रहता है. मोहित के मुताबिक इन शेयरों में कई सालों बाद इस तरह की तेजी आई है. वे सुझाव देते हैं कि निवेशक फ्लेक्सीकैप फंड्स चुन सकते हैं.
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