बढ़ते ब्याज दर के दौर में होम लोन का बैलेंस ट्रांसफर कराएं या नहीं? लोन आपकी लाइबिलिटी बढ़ाता है. फाइनेंशियल प्लानिंग के लिहाज से कौन सा लोन लें
खराब क्रेडिट स्कोर आपके और आपके लोन के बीच में खड़ा वो विलेन है जो आपके लोन लेने के अरमान पर पानी फेर सकता है.
इंडस्ट्री को चिंता है कि एक्सपोर्ट और बढ़ा तो घरेलू जरूरत के लिए स्टॉक नहीं बचेगा. यही वजह है कि इंडस्ट्री अब सरकार से कपास के निर्यात पर रोक लगाने की
रिजर्व बैंक के रेपो रेट बढ़ाने के बाद बैंकों ने भी अपने लोन और बचत से जुड़े इंटरेस्ट रेट बढ़ा दिए. आम लोगों के लिए क्या हैं इसके मायने, जानिए
सस्ती दर पर लोन के दिन लद गए हैं. लोन लेने वालों की जेब पर बोझ बढ़ गया है. अगर किसी दूसरे बैंक या वित्तीय संस्थान से कम दर पर लोन मिल रहा हो तो लोन
नेशनल ऑटोमेटेड क्लीयरिंग हाउस यानी NACH की रिपोर्ट बताती है कि इसी साल फरवरी के मुकाबले मार्च में ऑटो डेबिट बाउंस रेट 40 बेसिस प्वाइंट बढ़ गया है.
ऐसे में अब हम ये कह सकते हैं कि सस्ते कर्ज के अच्छे दिन अब खत्म हो चुके हैं. क्योंकि अन्य बैंक भी जल्द ही ब्याज दरों में बढ़ोतरी करेंगे.
कुछ बैंक कर्ज देने से पहले गारंटर मांगते हैं. दोस्त और परिजनों की मदद करने में कोई बुराई नहीं है लेकिन लोन गारंटर बनने के जोखिम भी हैं.
पैसों की जरूरत हो और सामने से कोई इंटरेस्ट- फ्री लोन का ऑफर कर दे तो लगता है कि परेशानी अब दूर हो जाएगी. ऐसे लोन से मुसीबत में फंंस सकते हैं.
अचानक अगर पैसों की जरूरत सिर पर आ पड़े तो पीयर टू पीयर यानी पी2पी लेंडिंग आपको क्विक लोन दिलवा सकती है.