म्यूचुअल फंड सिर्फ शॉर्ट टर्म गेन नहीं देखते. IPO के जरिए वे ऐसी कंपनियों की तलाश करते हैं जो मल्टीबैगर साबित हो सकते हैं
दो दशक में टाटा समूह की किसी कंपनी का यह पहला आईपीओ है
सितंबर तिमाही में म्यूचुअल फंड्स के NFOs का कलेक्शन चार गुना बढ़कर 22 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच गया है. आखिर निवेशक क्यों न्यू फंड ऑफर में जमकर पैसा लगा रहे हैं? आम निवेशकों को क्या करना चाहिए? देखिए ये वीडियो...
गांधार ऑयल रिफाइनरी (इंडिया) लिमिटेड ने मंगलवार को एंकर निवेशकों से 150 करोड़ रुपये से कुछ अधिक जुटाए थे.
किसी कंपनी के IPO में पैसा लगाने से पहले ही decide कर लें कि लिस्टिंग गेन के लिए पैसे लगा रहे हैं या लंबी अवधि के लिए.
बीते 2 साल में करीब 100 कंपनियों के IPO बाजार में लिस्ट हुए हैं और उनमें से करीब 20 IPO अपने इश्यू प्राइस से नीचे कारोबार कर रहे हैं. क्या IPO से निकलने यानी एग्जिट करने की रणनीति पर रिटर्न निर्भर करते हैं? जानने के लिए वीडियो देखें.
किसी कंपनी के IPO में पैसा लगाना सही है या उसकी लिस्टिंग के बाद दो-तीन महीने इंतजार कर पैसा लगाना चाहिए? देखें ये वीडियो.
30 अक्टूबर से 10 नवंबर के बीच इन कंपनियों को सेबी का ‘निष्कर्ष पत्र’ मिला है
आईपीओ का आकार 175 करोड़ रुपए से 200 करोड़ रुपए के बीच होगा.
ये कंपनियां अब IPO लाने की दिशा में आगे बढ़ सकती हैं