इस फैक्ट को ध्यान में रखते हुए कि एजुकेशन की महंगाई दर बहुत ज्यादा है, एक ऐसा इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट चुनना जरूरी है.
रिटर्न के मामले में स्मॉल-कैप सबसे आगे हैं, इसी कारण निवेशक इसमें पैसा लगाने को तैयार हैं. जहां रिटर्न ज्यादा है, वहां रिस्क भी ज्यादा होता है.
कुछ उच्च रेटिंग वाले डिविडेंड यील्ड फंड्स का पिछले 5 साल का रिटर्न 11% से 17% के बीच है, वहीं 3 साल का रिटर्न 16% से 22% के बीच है.
सिल्वर ETF से गोल्ड ETF की तरह ही काम करने की उम्मीद है, जहां अंडरलाइंग एसेट खरीदने के बाद ही यूनिट बनाई जा सकती हैं.
आशीष कहते हैं कि 500-600 तरह के इक्विटी म्यूचुअल फंड मे से अपने लिए सही फंड चुनने की माथापच्ची से बचना है तो पैसिव फंड आसान हैं.
इसे Bucketing Strategy भी कहते हैं जो पोर्टफोलियो को सुरक्षा देने के साथ निवेश की रकम को बढ़ाती है.
Navi Navi MF ने पिछले महीने 10 से अधिक नई स्कीम्स के लिए कागजात दाखिल करने के बाद, अब EV फंड सहित 4 और फंड्स के लिए दस्तावेज दाखिल किए हैं.
मनी9 हेल्पलाइन ने सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर सूर्य भाटिया से बात की और समझना चाहा कि एक आम निवेशक के लिए ETF और म्यूचुअल फंड्स में से क्या सही है.
विशेष अवसरों पर कब्जा करने का लक्ष्य रखने वाले म्युचुअल फंड को स्पेशल सिचुएशन फंड कहा जाता है. इसमें निवेश से वेल्थ क्रिएशन का मौका मिलता है.
एक गाइड या कोच के तौर पर फाइनेंशियल एडवाइजर आपके निवेश के सफर में आपकी मदद करता है.