एसेट के सही आबंटन पर फोकस करें. इसमें निवेशक विभिन्न एसेट क्लास में निवेश करता है. ताकि, किसी एक एसेट में आई गिरावट की भरपाई दूसरे से की जा सके.
हम शायद ही किसी कंपनी में निवेश के वक्त उसके शेयर के भाव पर नजर डालते हैं. हमारा फोकस तीन चीजों पर होता है.
अचानक आए खर्च से निपटने के लिए और अपने सपनों को पूरा करने के लिए रिटायरमेंट प्लानिंग जरूर होनी चाहिए.
आर्थिक जगत में गलत बीमा, शेयर, म्यूचुअल फंड या दूसरी चीजों की खरीद-बिक्री को ज्यादातर सीधे कमीशन आधारित व्यवसाय मॉडल से जोड़ कर देखा जाता है.
इस शो में एक्सपर्ट आपकी वित्तीय उलझनों को दूर करने की कोशिश करते हैं. साथ ही आपको सही निवेश के तौर-तरीकों के बारे में भी जानकारी देते हैं.
शादी के बाद जॉइंट सेविंग अकाउंट और डेबिट-क्रेडिट कार्ड बनाना फायदेमंद हो सकता है, यह फाइनेंशियल डिसिप्लिन लाता है कि आपको तय अमाउंट ही खर्च करना है.
करियर की शुरूआत का यही वो वक्त होता है जब आप रेगुलर निवेश की आदत डालें.
मनी9 हेल्पलाइन में फिनसेफ की फाउंडर मृण अग्रवाल ने इसी बात पर अपनी सलाह की कि किस तरह से कपल्स अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग कर सकते हैं.
अगर रिटेल निवेशक रहीम के दोहे का अनुसरण करें तो अपने आप को बड़े नुकसान से बचा पाएंगे.
एसेट एलोकेशन और डाइवर्सिफिकेशन की फिलॉसफी के आधार पर काम करते हाइब्रिड फंड नए निवेशकों के लिए अच्छा एंट्री पॉइंट बन सकता है.