इंडस्ट्री ने हमेशा रिटेल सेगमेंट से अधिक कर्जी की मांग की है. दूसरी तिमाही में कंपनियों ने उत्पादन क्षमताएं बढ़ाने के लिए ज्यादा कर्ज नहीं लिए