2.5 लाख रुपये से ऊपर के PF कंट्रीब्यूशन पर मिलने वाला ब्याज टैक्स के दायरे में आएगा. CBDT के नए नियम के तहत EPF अकाउंट के दो हिस्से होंगे.
मोटे तौर पर, ईपीएफ पर ब्याज आय कर मुक्त है और 5 साल की अवधि के बाद निकासी पर कोई कर नहीं लगाया जाता है.