चौथी तिमाही में टियर-2 और टियर-3 शहरों ने ट्रांजैक्शंस की संख्या के आधार पर 50 फीसदी हिस्सेदारी हासिल कर बड़े शहरों को तगड़ी चुनौती दी है.