भारत दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शायद एकमात्र मुल्क होगा जहां सब कुछ होने के बाद बीते दस साल में हर दूसरे साल बिजली कंपनियों को कोयले की कमी
आयात बिल को कम करने के लिए अभी कुछ साल पहले ही सरकार ने विदेशी कोयले पर निर्भरता कम करने की नीति बनाई थी.
टेक्निकल चार्ट के अनुसार, अगर क्रूड ऑयल की कीमत 60 डॉलर प्रति बैरल से नीचे जाती है, तो ही ट्रेंड बुलिश से बेयरिश हो सकता है.
Coal: सरकार द्वारा कोल इंडिया से आपूर्ति को आधा करने के बाद एल्यूमीनियम प्लांट में कोयले का स्टॉक महत्वपूर्ण हो गया. इसे केवल 10% तक सीमित कर दिया है.
कोयला देश में होने वाली बिजली खपत की 70% जरूरतों को पूरा करता है. भारत इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया और द. अफ्रीका से 300-400 मिलियन टन कोयले का आयत करता है
Coal: कोयला कंपनियों से मजबूत आपूर्ति के आधार पर इस वर्ष घरेलू कोयला आधारित बिजली उत्पादन में लगभग 24 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
कोयले की खोज के लिए मौजूदा भूकंपीय सर्वेक्षण तकनीकों में पृथ्वी के नीचे पतले कोयले के निशानों की पहचान करने की अपनी सीमाएं हैं.