1 जून से एक्सचेंजों और क्लियरिंग हाउसों के लिए कोलैटरल डेटा जमा करना भी ज़रूरी हो जाएगा जिसमें बैंक गारंटी समेत दूसरी जानकारी देनी होगी.
ETF: SIP के माध्यम से ETF में निवेश करके, आप अपनी ETF परचेज के लिए एक सिस्टेमैटिक अप्रोच अपना सकते हैं.
ट्रेड प्रणाली को छोटा करने से बाजार की लिक्विडिटी और ट्रेडिंग टर्नओवर को बढ़ावा मिलेगा.
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कुछ साइटों पर काम की गति धीमी हो गई है और कुछ ठेकेदारों ने अपनी टीमों को भंग भी कर दिया है.
सबसे पहले यह तय करें कि आप हर महीने कितना किराया (rent) चुकाएंगे. हर साल किराये (rent) में कितनी वृद्धि हो जाएगी.