बैंकों के डूबने पर ग्राहकों को पैसे दिए जाने का फैसला राहत लेकर आया है, यह सोचने पर भी मजबूर करता है कि एक ही बैंक में अपने पैसे रखना कितना सही है?
बैंक आपके अकाउंट में रजिस्टर्ड एड्रेस पर ही चेकबुक भेजता है, चेकबुक आपके घर नहीं पहुंचती है तो दूसरे तरीकों से भी चेकबुक प्राप्त कर सकते हैं.
DICGC: DICGC एक्ट, 1961 की धारा 16 (1) के तहत, अगर कोई बैंक डूबता है या दिवालिया होता है तो ग्राहक के डिपॉजिट पर 5 लाख रुपये तक बैंक लौटाएगा.
हर बैंक में सेविंग अकाउंट होल्डर को एक निश्चित सीमा तक कैश ट्रांजेक्शन मुफ्त में करने की इजाजत होती है, जिसके बाद उस पर कैश ट्रांजेक्शन चार्ज लगता है.
स्मार्टफोन की उपलब्धता के चलते आने वाले समय में यह सुविधा तेजी पकड़ेगी. इसे देखते हुए लगभग सभी बैंक इस सुविधा को बहुत जल्द शुरू करने वाले हैं.
Prepaid vs Debit Card: प्री-पेड कार्ड में पहले से भरा हुआ कैश होता है, जबकि डेबिट कार्ड बैंक से लिंक्ड होते हैं.
बैंक ने अपने ग्राहकों को फर्जी ऐप्स से बचकर रहने की सलाह दी है और ग्राहकों को ‘untrusted sources’ से ऐप को इंस्टॉल न करने को कहा है.
एफडीएफसी बैंक ने अपने ग्राहकों को बताया है कि उन्हें किन-किन बैंकों के अकाउंट होल्डर्स को पैसे ट्रांसफर करने से पहले ध्यान रखना है.
एक बार अकाउंट खुलने के बाद आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर इससे ट्रांजेक्शन भी कर सकते हैं. आपको नेट बैंकिंग आदि की सुविधा भी तुरंत ही मिल जाती है.
बैंक की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, सबसे पहले खाता धारक को अपने खाते और एठीएम को ऑपरेट करने के लिए केवाईसी अपडेट करने की जरूरत है.