DICGC: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए निर्णयों पर आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस वार्ता की. इस वार्ता में केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर भी शामिल रहे. इस दौरान कैबिनेट ने जम्मू और श्रीनगर में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण की पीठों के लिए न्यायिक सदस्यों के 2 पदों और प्रशासनिक सदस्यों के 2 पदों के सृजन के प्रस्ताव को मंजूरी दी. इसके साथ ही कैबिनेट ने जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम विधेयक (DICGC) 2021 को भी मंजूरी दे दी है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रस्तावित संशोधन विधेयक के बाद कंपाउंडेबल अपराधों की संख्या अब 21 से घटाकर 7 की जाएगी.
आज की कैबिनेट मीटिंग की प्रमुख बातें:
1. डीआईसीजीसी विधेयक
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि बैंक और ग्राहकों के हित को ध्यान में रखते हुए डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन एक्ट (DICGC) संशोधन बिल को मंजूरी दे दी गई है.
इसके जरिए बंद हो चुके बैकों के ग्राहकों को बड़ी राहत मिलेगी. ऐसे में, अब बैंक के डूबने की स्थिति पर जमाकर्ताओं को 90 दिनों के भीतर ही पांच लाख रुपये मिल जाएंगे. इसके अलावा यदि किसी बैंक का लाइसेंस रद्द होता है तो बैंक ग्राहकों को पांच लाख रुपये तक का डिपॉजिट इंश्योरेंस मिलेगा.
2) यह नियम चार फरवरी 2020 से लागू है. डिपॉजिट इंश्योरेंस में बीते 27 वर्षों में पहली बार बदलाव किया गया है.
3) वित्त मंत्री ने बताया कि संशोधित डीआईसीजीसी अधिनियम के साथ, अब जमा बीमा कवरेज बढ़कर कुल बैंक खाताधारकों का 98.3 फीसदी हो जाएगा.
4) जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम सभी बैंक जमाओं का बीमा करता है और सभी वाणिज्यिक बैंकों को कवर करता है, यहां तक कि भारत में काम कर रहे विदेशी बैंकों की शाखाएं भी इसमें शामिल हैं.
90 दिन के भीतर वापस मिलेंगे ग्राहकों के पैसे
कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, ” आरबीआई अगर किसी बैंक पर मोरेटोरियम लगाती है तो लोगों को पैसे वापस पाने में किसी तरह की दिक्कत ना हो, इसके लिए डिपॉजिट इंश्योरेंस क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन का गठन किया गया था.