आपके कितने काम की चीजें हैं Auto Debit और ECS? ECS यानी इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सर्विस क्या है? इसका ऑटो डेबिट से क्या है लेना-देना? इसके बारे में ज्यादा जानकारी के लिए देखें खर्च बहादुर.
Bounce Rate: अधिकांश बैंकों और एनबीएफसी ने दूसरे तिमाही परिणाम में कलेक्शन के सुधरने की जानकारी दी है. ये कोविड से पहले के लेवल तक पहुंच गया है.
ECS: 1 अक्टूबर से लागू होने वाला RBI का नया नियम ECS के डेबिट हिस्से को प्रभावित करेगा और यह डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड लेनदेन तक सीमित है.
Auto Debit Rule: नए नियम में यह भी कहा गया है कि 5,000 रुपये से अधिक के ऑटो-ट्रांजेक्शन के लिए एक अलग फ्लो की आवश्यकता होगी
RBI ने नया डेबिट पेमेंट नियम लागू करने का आदेश दिया है. इस आदेश के अनुसार पेमेंट सर्विस प्रदान करने वाली कंपनियां आपसे पूछे बिना पैसे नहीं काट सकेंगी.
Transaction: 30 सितंबर तक आपको यह काम पूरा कर लेना चाहिए, अन्यथा आपको लेनदेन में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है
Auto Debit: नेशनल ऑटोमेटेड क्लीयरिंग हाउस (NACH) प्लेटफॉर्म के माध्यम से असफल ऑटो-डेबिट रिक्वेस्ट की संख्या में जुलाई में गिरावट आई है.
Utility Bills: कार्ड, UPI या अन्य किसी प्रीपेड विकल्प के जरिए रिकरिंग पेमेंट के लिए 1 अप्रैल से एडिशनल फैक्टर ऑथेंटिफिकेशन जरूरी है.