देश में हर साल लाखों सड़क दुर्घटनाएं (Road Accident) होती हैं, अगर थोड़ी सी सावधानी रखी जाए तो इस संख्या को कम किया जा सकता है या शून्य भी किया जा सकता है. कुछ इसी उम्मीद से चंडीगढ़ के बीटेक के छात्र ने एक ऐसा ऐप बनाया है, जो सीट बेल्ट न लगाने और शराब पिए हुए हैं, तो गाड़ी ही स्टार्ट नहीं होगी. इस ऐप में कई ऐसे और फिचर हैं, जो सड़क हादसों (Road Accident) को रोकने में मदद करेंगे.
सॉफ्टवेयर की खासियत ये है कि अगर सीट बेल्ट नहीं लगाते हैं, तो कार स्टार्ट नहीं होगी. यदि कोई व्यक्ति शराब पीकर गाड़ी में बैठता है और अल्कोहल की मात्रा 0.08 प्रतिशत की कानूनी सीमा से अधिक है, तो कार का इंजन स्टार्ट ही नहीं होगा. अल्कोहल पीने का पता स्टेयरिंग को टच करने पर उस पर लगे सेंसर के माध्यम से पता चल जाएगा कि चालक ने अल्कोहल पी है या नहीं.
दरअसल, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में बीटेक द्वितीय वर्ष के छात्र मोहित ने एक रोड पल्स के नाम से एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जिसका इस्तेमाल करने पर कभी एक्सीडेंट नहीं होंगे. इस सॉफ्टवेयर में मोहित ने लेटेस्ट टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल किया है.
मोहित बताते हैं कि आने वाले समय में 2025 के बाद देश-दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग पर ही सभी काम होंगे। उसी को देखते हुए ये सॉफ्टवेयर तैयार किया है. अगर ये सॉफ्टवेयर गाड़ी के अंदर लॉन्च हो जाता है, तो गाड़ी का कभी एक्सीडेंट नहीं होगा और जानबूझकर अगर कोई करना चाहेगा तो भी नहीं होगा.
इसके साथ ही मोहित ने बताया कि फिलहाल गाड़ियों में सीट बेल्ट न लगाने पर बीप की आवाज आती है, लेकिन इस सॉफ्टवेयर से गाड़ी स्टार्ट ही नहीं होगी. वहीं गाड़ी में अल्कोहल का पता चलने पर बताते हैं कि जैसे ही कोई भी ड्राइविंग सीट पर बैठेगा और सांस लेगा, तो उसके कार्बन डाइऑक्साइड के पार्टीकल्स सामने लगे सॉफ्टवेयर के ऑटो मीटर पर जाकर लगेंगे और इंट्राडे डे सेंसर डिटेक्ट करके बताएगा कि व्यक्ति में अल्कोहल की वैल्यू सरकारी मानक से ज्यादा है या नहीं.
सिर्फ यही नहीं, सड़क पर गाड़ी चलाते वक्त अक्सर लोग यू-टर्न और दाएं-बाएं लेने के लिए इंडिकेटर का उपयोग नहीं करते हैं, और गाड़ियां आपस में टकरा जाती हैं. इस कारण कई लोगों की जान भी चली जाती है. इसे रोकने के लिए मोहित ने अपने सॉफ्टवेयर में ऐसा फीचर लगाया है, जिससे गाड़ी खुद-ब-खुद 50 मीटर डिस्टेंस से पहले ही इंडिकेटर देना शुरू कर देगी. इसमें गूगल मैप को मशीन लर्निंग के साथ जोड़ा गया है.
इसके अलावा जब कोहरा होता है, तो दृश्यता काफी कम हो जाती है, जो हर साल कई कार दुर्घटनाओं का कारण होती है. इसके लिए भी मोहित ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी का प्रयोग करके एक ऐसी टेक्नोलॉजी का निर्माण किया है, जिससे धुंध में आगे-पीछे की कारों और वस्तुओं का पता चल पाएगा. ये सॉफ्टवेयर कार के अगले हिस्से में स्थित होगा, जो कार के आगे 50 मीटर की डिस्टेंस तक बताएगा कि आगे क्या है और उससे कार चालक कार को कंट्रोल कर सकेगा. कुल मिलाकर सॉफ्टवेयर के जरिए दुर्घटनाओं की संख्या को कम कर सकते हैं.
20 वर्षीय भिवानी निवासी मोहित इससे पहले भी कई अन्य कामयाबी अपने नाम कर चुके हैं. उनकी टीम गूगल स्टार्टअप वीकेंड में यूनाइटेड ब्वॉय प्लेयर्स नाम से 54 घंटे में एप तैयार कर दूसरा स्थान हासिल करने में कामयाबी हासिल कर चुकी है.
अपने बेटे की सफलता पर मोहित के पिता को गर्व हैं, कहते है. उनका कहना है कि उन्हें बहुत अच्छा लगा कि बेटे ने एक्सीडेंट को खत्म करने के लिए ये सॉफ्टवेयर बनाया है, जिससे लोगों की जान बचाई जा सकती है.
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