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आयकर विभाग की वेबसाइट पर टैक्स कैलकुलेटर की मदद से आप नई और पुरानी व्यवस्था में अपने टैक्स की गणना करके सही कर व्यवस्था चुन सकते हैं.
अगर आपने ज्यादा टैक्स जमा कर दिया है तो समय से ITR फाइल करने पर आप उसका रिफंड क्लेम कर सकते हैं.
नया वित्त वर्ष शुरू हो गया है. ऐसे में नए सिरे से टैक्स प्लानिंग करने का समय आ गया है. टैक्स प्लानिंग का सही समय क्या है? नई और पुरानी कर व्यवस्था में कैसे करें टैक्स प्लानिंग? टैक्स प्लानिंग कैसे दिला सकता है ज्यादा रिटर्न? जानें...
बजट 2023 में डेट म्यूचुअल फंड्स पर लगने वाले टैक्स से जुड़े नियमों में बदलाव के बाद ....financial advisors और distributors ऐसे फंड्स में निवेश करने पर शायद ज्यादा जोर देंगे.
सीबीडीटी ने नियोक्ताओं से कहा है कि कर्मचारियों से पूछें कि वो नई या पुरानी कर व्यवस्था में से किसमें बने रहना चाहते हैं. इसी हिसाब से वेतन से TDS काटा जाएगा.
1 अप्रैल 2023 से इनकम टैक्स नियमों में बड़े बदलाव हुए हैं. इनमें नई कर व्यवस्था में बदलाव, बीमा पॉलिसी की रकम पर टैक्स.
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 68,000 मामलों को ई-वेरिफिकेशन के लिए चुना है. आरोप है कि ऐसे मामलों में आयकर रिटर्न में इनकम में गड़बड़ी पाई गई है.
इनकम टैक्स पेयर की सुविधा के लिए आयकर विभाग ने लॉन्च किया AIS फॉर टैक्सपेयर्स नाम से मोबाइल ऐप. ससुनिए 'खबरों का लन्च बॉक्स', अमन गुप्ता के साथ.
क्या टैक्स बचाने के लिए करना चाहिए बीमा में निवेश? आखिरी समय में टैक्स बचाने के लिए आप न करना आकाश जैसी गलती सुनिए 'एक कहानी एक नसीहत'.
इलेक्ट्रिक वाहन को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है.