• English
  • ಕನ್ನಡ
  • ગુજરાતી
  • বাংলা
  • తెలుగు
  • मराठी
  • money9
  • बीमा
  • बचत
  • कर्ज
  • इन्वेस्टमेंट
  • एक्सक्लूसिव
  • Breaking Briefs
downloadDownload The App
Close
  • Home
  • Videos
  • Podcast
  • Exclusive
  • टैक्स
  • म्यूचुअल फंड
  • बचत
  • कर्ज
  • म्यूचुअल फंड
  • स्टॉक
  • प्रॉपर्टी
  • Breaking Briefs
  • बीमा
  • बचत
  • लोन
  • इन्वेस्टमेंट
  • म्यूचुअल फंड
  • प्रॉपर्टी
  • टैक्स
  • Exclusive
  • Home / Exclusive

आयकर विभाग कैसे रखता है आपके लेनदेन पर निगरानी?

कोई व्यक्ति अपनी कमाई तो छिपा सकता है, लेकिन अपने खर्च या निवेश नहीं

  • पवन पाण्डे
  • Last Updated : June 4, 2023, 09:39 IST
  • Follow
आयकर विभाग कैसे रखता है आपके लेनदेन पर निगरानी?
  • Follow

टैक्स चोरी रोकने के लिए आयकर विभाग कई कदम उठा रहा है. हाई वैल्यू ट्रांजैक्शन यानी मोटे लेनदेन पर नजर रखी जा रही है. विभाग चाहता है कि लोग अपनी कमाई और खर्च को आयकर रिटर्न में दिखाए और उस हिसाब से टैक्स का भुगतान करें. दरअसल, आयकर विभाग अब इस लॉजिक पर काम करता है कि कोई व्यक्ति अपनी कमाई तो छिपा सकता है, लेकिन अपने खर्च या निवेश नहीं छिपा सकता है. पिछले कुछ सालों में आयकर विभाग ने एक Mechanism यानी व्यवस्था बनाई है, जिससे खर्च और निवेश पर नजर रखा जाता है.

सवाल है कि आयकर विभाग हमारे किस लेनदेन पर नजर रखता है. इसका जवाब है हाई-वैल्यू ट्रांजैक्शन यानी बड़े खर्च और निवेश पर. इस व्यवस्था का नाम है Statement of Financial Transaction यानी SFT. इसके तहत, विभिन्न तरह के लेनदेन के लिए अलग-अलग सीमा तय की गई है. इस सीमा से ज्यादा का लेनदेन होने पर संबंधित इकाई इसकी जानकारी आयकर विभाग को देती है.

किसे और कब देनी होती है जानकारी?
1)- पहला ट्रांजैक्शन बचत खाते से जुड़ा है. पूरे वित्त वर्ष में 10 लाख रुपए या उससे ज्यादा कैश बचत खाते में जमा या निकालने पर बैंक इसकी जानकारी आयकर विभाग को देता है. ये लेनदेन चाहे एक खाते से हो या उससे ज्यादा खाते से. इसके अलावा, कैश देकर 10 लाख रुपए या उससे ज्यादा का डिमांड ड्रॉफ्ट (DD), पे ऑर्डर या बैंकर चेक बनाने की जानकारी भी दी जाती है.

2)- करंट अकाउंट यानी चालू खाते में 50 लाख रुपए या इससे ज्यादा कैश जमा करने या निकालने पर आयकर विभाग को जानकारी दी जाती है.

3)- एक वित्त वर्ष में 10 लाख या उससे ज्यादा के टाइम डिपॉजिट यानी FD (फिक्स्ड डिपॉजिट) की जानकारी भी टैक्स डिपार्टमेंट को दी जाती है. कैश और डिजिटल दोनों मामलों में यह लागू होता है. FD रिन्यूएल की जानकारी नहीं भेजी जाती है.

4)- चौथा ट्रांजैक्शन क्रेडिट कार्ड को लेकर है. एक लाख या उससे ज्यादा का क्रेडिट कार्ड बिल कैश में या फिर 10 लाख या उससे ऊपर का बिल किसी दूसरे तरीके से भरने पर क्रेडिट कार्ड कंपनी या बैंक इसकी जानकारी आयकर विभाग को देते हैं.

5)- पांचवां ट्रांजैक्शन मकान, फ्लैट और जमीन से जुड़ा है. अगर आप 30 लाख रुपए या उससे ज्यादा की प्रॉपर्टी खरीदते या बेचते हैं तो इसकी जानकारी देना प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार का काम है. 50 लाख से ज्यादा की प्रॉपर्टी खरीदने पर 1 फीसदी TDS (स्त्रोत पर कटौती) काटा जाता है. TDS कटौती की वजह से भी लेनदेन की जानकारी विभाग के पास पहुंच जाती है.

6)- अगर कोई व्यक्ति एक वित्त वर्ष में 10 लाख या उससे ज्यादा के शेयर, डिबेंचर, बॉन्ड या म्यूचुअल फंड खरीदता है तो इसकी जानकारी आयकर विभाग को देना उस कंपनी या संस्थान की जिम्मेदारी है.

7)- सातवां ट्रांजैक्शन आम आदमी से जुड़ा है. मालती जैसे करोड़ों लोग इसके दायरे में आते हैं. किसी वस्तु या सेवा की खरीद के लिए 2 लाख रुपए से ज्यादा का नगद भुगतान करने पर संबंधित विक्रेता को इसकी जानकारी इनकम टैक्स विभाग को देनी होती है… उदाहरण के लिए आप ज्वैलरी खरीदते हैं और 2 लाख से ज्यादा की रकम कैश में देते हैं तो यह दुकानदार की जिम्मेदारी है कि वो इसकी जानकारी विभाग को दे… इसके अलावा, 2 लाख रुपए से ऊपर के सभी लेनदेन के लिए आपको पैन कार्ड भी देना होता है…

पैन, मोबाइल नंबर और आधार भी जरिया
पैन, मोबाइल नंबर और आधार से भी वित्तीय लेनदेन की जानकारी आयकर विभाग तक पहुंचती है. क्योंकि करीब-करीब हर बड़े लेनदेन में इनका इस्तेमाल होता है. उदाहरण के लिए, टू-व्हीलर छोड़कर कोई और गाड़ी खरीदने या बेचने पर पैन लगता है. इसी तरह, बैंक अकाउंट या डीमैट खाता खोलने, क्रेडिट कार्ड अप्लाई करने के लिए पैन की जरूरत है. अगर आपका बैंक जमा, इंश्योरेंस प्रीमियम, म्यूचुअल फंड या बॉन्ड खरीद, रेस्टोरेंट, होटल या फॉरेन ट्रिप का बिल 50 हजार रुपए से ज्यादा है तो भी पैन देना होता है. प्रॉपर्टी से किराया मिलने पर किराएदार को पैन देना होता है.

करदाताओं की आमदनी पर नजर रखने का TDS भी एक तरीका है. बैंक या पोस्ट ऑफिस में जमा रकम पर ब्याज और प्रॉपर्टी खरीदने समेत अन्य मामलों में भी TDS डिडक्ट होता है. इससे भी आयकर विभाग को आपकी कमाई के बारे में पता चल जाता है.

आप चाहे या न चाहे आपके हर बड़े लेनदेन की खबर आयकर विभाग को है. आपको तब तक घबराने की जरूरत नहीं है जब तक आप अपने खर्च और निवेश को कमाई से जस्टीफाई कर सकते हैं. कमाई और खर्च में अंतर होने पर आयकर विभाग नोटिस थमा सकता है. वित्त वर्ष में किए गए सभी खर्च-निवेश का ब्योरा आपको अपने एनुअल इंफोर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) में मिल जाएगा. जिसे इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं. आयकर रिटर्न भरने से पहले AIS जरूर चेक करें ताकि आमदनी और खर्च या निवेश में कोई अंतर न हो.

Published June 3, 2023, 09:56 IST

पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।    

  • Income tax
  • Income Tax Act
  • Income tax return

Related

  • खरीफ दलहन की बुआई में क्यों हुआ सुधार?
  • ऑनलाइन होगी आईटी हार्डवेयर आयात मंजूरी प्रक्रिया
  • आईटी हार्डवेयर के लिए सिर्फ 30% रह जाएगी आयात पर निर्भरता
  • चीन के सस्ते ड्रॉअर स्लाइडर पर भारत का शिकंजा
  • घरेलू बचत में कमी संकट की बात नहीं: वित्त मंत्रालय
  • कनाडा से तनाव महंगा कर देगा मसूर!

Latest

  • 1. HDFC Bank के शेयर में बड़ी गिरावट
  • 2. किसको मिलेगा Ching's का 'Secret'?
  • 3. डेबिट कार्ड पर भी होती है EMI!
  • 4. कितना थमेगा प्रदूषण?
  • 5. जब मकान मालिक सताए!

Trending 9

  • सेकेंड हैंड फोन खरीदने से पहले जरूर चेक करें ये नंबर
    1 सेकेंड हैंड फोन खरीदने से पहले जरूर चेक करें ये नंबर
    मोबाइल में लिखे IMEI नंबर से आप मोबाइल चोरी का तो नहीं है या किसी अवैध गतिविधियों में तो इस्‍तेमाल नहीं किया गया है, पूरी जानकारी हासिल कर सकते हैं
    यूटिलिटी
    alternate

    Read

  • 2रिटायरमेंट के लिए VPF और NPS हो सकते हैं बेहतर विकल्‍प
    बचत
    read_icon

    Read

  • 3टीवी मार्केट में भी चीन की कंपनियों का दबदबा हुआ कम
    एनालिसिस
    read_icon

    Read

  • 4कितने कवर वाला टर्म इंश्‍योरेंस होता है फायदेमंद?
    बीमा
    read_icon

    Read

  • 5GCC से अब छोटे शहरों में मिलेगी अच्‍छी नौकरी
    एनालिसिस
    read_icon

    Read

  • 6वित्त मंत्रालय को चालू वित्त वर्ष में 6.5 फीसद ग्रोथ का भरोसा
    पॉलिसी
    read_icon

    Read

  • 7ऑनलाइन होगी आईटी हार्डवेयर आयात मंजूरी प्रक्रिया
    Exclusive
    read_icon

    Read

  • 8आईटी हार्डवेयर के लिए सिर्फ 30% रह जाएगी आयात पर निर्भरता
    Exclusive
    read_icon

    Read

  • 9‘भारत से बाहर नहीं जाएंगे कनाडा के पेंशन फंड’
    पॉलिसी
    read_icon

    Read

Exclusive

मुफ्त में आधार अपडेट करने की बढ़ी तारीख, यह है तरीका
मुफ्त में आधार अपडेट करने की बढ़ी तारीख, यह है तरीका
यूटिलिटी
read_icon

Read

कितने तरह के होते हैं आधार कार्ड? जानिए
यूटिलिटी
read_icon

Read

आधार में अपडेट के लिए यहां शेयर नहीं करें डॉक्यूमेंट
यूटिलिटी
read_icon

Read

अब अकेले आधार से होगा काम
Exclusive
read_icon

Read

आपके आधार और पैन कार्ड का तो नहीं हो रहा ऐसा गलत इस्तेमाल?
एनालिसिस
read_icon

Read

  • Trending Stories

  • HDFC Bank के शेयर में 4 महीने में सबसे बड़ी गिरावट
  • GCC से अब छोटे शहरों में मिलेगी अच्‍छी नौकरी
  • किसको मिलेगा Ching’s का ‘Secret’?
  • डेबिट कार्ड के इस फायदे के बारे में जानते हैं आप?
  • सोना खरीदने के लिए कितना कैश दे सकते हैं आप?
  • TV9 Sites

  • TV9 Hindi
  • TV9 Telugu
  • TV9 Marathi
  • TV9 Gujarati
  • TV9 Kannada
  • TV9 Bangla
  • News9 Live
  • Trends9
  • Money9 Sites

  • Money9 Hindi
  • Money9 English
  • Money9 Marathi
  • Money9 Telugu
  • Money9 Gujarati
  • Money9 Kannada
  • Money9 Bangla
  • Topics

  • बीमा
  • बचत
  • कर्ज
  • शेयर
  • म्यूचुअल फंड
  • प्रॉपर्टी
  • टैक्स
  • क्रिप्टो
  • एक्सक्लूसिव
  • Follow us

  • FaceBook
  • Twitter
  • Youtube
  • Instagram
  • Linkedin
  • Download App

  • play_store
  • App_store
  • Contact Us
  • About Us
  • Advertise With Us
  • Privacy & Cookies Notice
  • Complaint Redressal
  • Copyright © 2023 Money9. All rights reserved.
  • share
  • Facebook
  • Twitter
  • Whatsapp
  • LinkedIn
  • Telegram
close