कर्ज के सकंट में फंसी देश की तीसरी बड़ी दूरंसचार कंपनी वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) को काफी अरसे बाद कुछ राहत भरी खबर मिली है. वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही के वित्तीय नतीजों में कंपनी के घाटे में थोड़ी कमी आई है. हालांकि कंपनी का घाटा जरूर घटा है लेकिन उस पर छाए संकट के बादल कम होते नहीं दिख रहे हैं. कंपनी के पास वित्तीय संकट से निपटने के लिए कोई पुख्ता प्लान नहीं है. इस बीच दूरसंचार मंत्री अश्वनी वैष्णव का कहना है कि वोडाफोन आइडिया की ओर से फंड की व्यवस्था में हो रही देरी चिंता का विषय है.
कैसे रहे नतीजे? वोडाफोन आइडिया ने गुरुवार को बाजार बंद होने के बाद वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही के नतीजे घोषित किए जो बाजार के अनुमान से बेहतर रहे हैं. हालांकि कंपनी अभी भी घाटे में हैं पर घाटा अनुमान से कम रहा है. इस दौरान कंपनी का घाटा 7990 करोड़ से तिमाही दर तिमाही 19.7 फीसदी घटकर 6419 करोड़ पर रहा है जबकि अनुमान 7500 करोड़ रुपए का था. कंपनी की आय 10,621 करोड़ से 0.8 फीसदी घटकर 10,532 करोड़ पर रही जबकि अनुमान 10,590 करोड़ रुपए था. कामकाजी मुनाफा 4,181 करोड़ से 0.8 फीसदी बढ़कर 4,211 करोड़ रुपए पर रहा जो बाजार 4,135 करोड़ के आसपास का अनुमान कर रहा था. कंपनी का कामकाजी मार्जिन 39.4% से बढ़कर 40%, जबकि बाजार घटने का अनुमान कर रहा था. यह आंकड़ा घटकर 39% रहने की आशंका थी. इसके अलावा प्रति यूजर्स औसत आय (ARPU) 135 रुपए पर सपाट रही है जबकि, अनुमान 136 रुपए के आसपास था. घाटे में कमी के पीछे मुख्य वजह है ब्याज लागत में कमी. तिमाही दर तिमाही ब्याज खर्च 6322 करोड़ रुपए से घटकर 5001 करोड़ रुपए पर रहा है. इसी मोर्चे पर कंपनी को मामूली राहत मिली है.
क्या करें निवेशक? शेयर बाजार में Vodafone Ideaका स्टॉक पिछले एक साल में 18 फीसद लुढ़का है. शुक्रवार को कंपनी का शेयर में तीन फीसद तक का उछाल देखने को मिला. आज यह शेयर 7.14 रुपए के स्तर पर खुलने के बाद 7.02 से 7.18 के दायरे में रहा. बाजार विशेषज्ञ संतोष सिंह का मानना है कि कंपनी का घाटा जरूर चौथी तिमाही में कम हुआ है लेकिन यह इस समय बड़े संकट में है. कंपनी कैसे मुनाफे में आएगी इसको लेकर स्थिती स्पष्ट नहीं है. कंपनी के ऊपर भारी कर्ज के चलते उसे सालाना 23,000 करोड़ रुपए ब्याज के रूप में चुकाने पड़ रहे हैं. कंपनी छह साल से घाटे में है. ऐसे में कंपनी के मुनाफे में आने की संभावनाएं बहुत कम है. कंपनी के ग्राहक लगातार बाहर होकर भारती एयरटेल और रिलायंस जियो की तरफ जा रहे हैं. ऐसे में नए निवेशकों शेयर से दूर ही रहना चाहिए. जिन लोगों ने ऊपरी स्तर पर शेयर में निवेश कर रखा है उन्हें किसी भी रैली का फायदा उठाकर शेयर से बाहर निकलने का प्रयास करना चाहिए.
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