देश के प्रमुख शेयर बाजार बीएसई ने परंपरागत या एल्गो पद्धति से पैदा होने वाले गलत सौदा आवंटन रोकने के लिए नौ अक्टूबर से ‘स्टॉपलॉस मार्केट’ (एसएल-एम) ऑर्डर बंद करने का फैसला किया है. यह कदम हाल ही में ‘फ्रीक ट्रेड’ यानी शेयर के भाव में अचानक से बहुत कम समय के लिये मौजूदा बाजार मूल्य से विचलन और फिर पुराने मूल्य वापस आने की घटना के बाद उठाया गया है. इसकी वजह से इस महीने की शुरुआत में एक एसएल-एम ऑर्डर से कारोबारी समुदाय में काफी नाराजगी थी.
एसएल-एम ऑर्डर के तहत वांछित मूल्य तक भाव पहुंचने पर स्वचालित रूप से एक प्रतिभूति को बाजार मूल्य पर बेचा या खरीदा जाता है. बीएसई ने शुक्रवार को एक सार्वजनिक नोटिस में कहा, ‘गलत सौदा आवंटन को रोकने के कदम के तौर पर इक्विटी खंड, इक्विटी वायदा एवं विकल्प खंड, मुद्रा वायदा एवं विकल्प खंड और जिंस वायदा एवं विकल्प खंड में बाजार की स्थिति के साथ ‘स्टॉप लॉस’ सौदे नौ अक्टूबर से बंद कर दिए जाएंगे. आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के बुनियादी शोध प्रमुख नरेंद्र सोलंकी ने कहा कि यह गलत ऑर्डर को रोकने के लिए एक अच्छा कदम है क्योंकि इस तरह के अजीब व्यापार नुकसान पहुंचाते हैं और अनावश्यक अस्थिरता पैदा करते हैं. उन्होंने कहा कि छोटे एवं खुदरा कारोबारियों के लिए यह फायदेमंद साबित होना चाहिए.
फायर्स के सह-संस्थापक एवं सीईओ तेजस खोडे ने इसे सकारात्मक एवं प्रगतिशील कदम बताते हुए कहा कि कम मात्रा के दौरान या बाजार मूल्य में तेजी से उतार-चढ़ाव के दौरान एसएल-एम की वजह से भारी उठापटक हो सकती है. यह उपाय व्यापारियों को ऐसी घटनाओं से बचाएगा. साथ ही इस मामले में संचालन को एनएसई के अनुरूप बनाएगा जिसने सितंबर 2021 में एसएल-एम ऑर्डर बंद कर दिया था. खोडे ने कहा कि शेयर कारोबार से जुड़े लोग एसएल-एम ऑर्डर के बजाय ‘स्टॉप लॉस लिमिट’ (एसएल-एल) ऑर्डर का तरीका अपना सकते हैं. ‘स्टॉप-लॉस लिमिट’ ऑर्डर दूसरे तरह का स्टॉप-लॉस ऑर्डर है जिसमें केवल एक दायरे में ही निर्दिष्ट मूल्य पर प्रतिभूति को बेचा या खरीदा जाता है.