शेयर बाजार फिर से नई बुलंदियों पर है. सेंसेक्स और निफ्टी नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं. कुछेक को छोड़ दें तो अधिकतर लार्जकैप शेयर अच्छा रिटर्न भी दे रहे हैं, लेकिन शेयर बाजार की यह तेजी क्या आपके पोर्टफोलियो में दिख रही है.. शायद नहीं, क्योंकि शेयर बाजार में इस बार की रिकॉर्ड तेजी में सिर्फ चुनिंदा शेयरों में ही उछाल देखा जा रहा है.
5 फीसद शेयर ही रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचे
बीएसई ऑलकैप इंडेक्स के सिर्फ 5 फीसद शेयर ही शेयर बाजार के साथ रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचे हैं. पिछले साल शेयर बाजार ने जब रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ था, तो 18 फीसद शेयरों ने भी तेजी का नया रिकॉर्ड बनाया था. इस बार बीएसई ऑलकैप इंडेक्स के करीब 41 फीसद शेयर ऐसे हैं जो अपनी रिकॉर्ड ऊंचाई से 20 फीसद से लेकर 50 फीसद तक दूर हैं और 23 फीसद शेयर अपने रिकॉर्ड स्तर से 5 फीसद से लेकर 20 फीसद तक दूर हैं.
सेक्टर इंडेक्स ने किया अच्छा परफॉर्म
हालांकि इस बार सेंसेक्स और निफ्टी के साथ सेक्टर इंडेक्स भी अच्छा परफॉर्म करते हुए दिख रहे हैं. आईटी और फार्मा इंडेक्स को छोड़ दें तो अधिकतर ने या तो निफ्टी से कहीं ज्यादा या निफ्टी के लगभग बराबर का रिटर्न दिया है. बैंक निफ्टी, मेटल इंडेक्स और प्राइवेट तथा पीएसयू बैंक इंडेक्स का 6 महीने का रिटर्न देखते ही बनता है.
कंगाल और मालामाल करने वाले शेयर
लेकिन सेंसेक्स, निफ्टी और सेक्टर इंडेक्स से आगे बढ़कर अगर शेयरों का हाल देखें तो मिडकैप और स्मालकैप शेयरों को लेकर स्थिति ऐसी नहीं है. वहां पर 6 महीने में निवेशकों को मालामाल करने वाले शेयर भी हैं और कंगाल करने वाले भी. कंगाल करने वाले शेयरों में बाजार में नई-नई एंट्री लेने वाले स्टॉर्टअप के साथ निवेशकों को भरोसा खो चुकी पुरानी लिस्टेड कंपनियां भी हैं.
कई स्टार्टअप कंपनियों को निवेशकों ने नकारा
यह ट्रेंड बता रहा है कि शेयर बाजार की तेजी एकतरफा नहीं है. निवेशक या तो लार्जकैप कंपनियों पर दांव खेल रहे हैं और उन कंपनियों या सेक्टर्स में में निवेश बढ़ा रहे हैं जिनका भविष्य बेहतर दिख रहा है. अधिकतर स्टार्टअप कंपनियों को तो निवेशकों ने सिरे से नकार दिया है. स्टार्टअप कंपनियों के कई विदेशी निवेशक तो अपनी हिस्सेदारी घटाने में लगे हुए हैं. अलीबाबा और सॉफ्टबैंक ने हाल ही में जोमैटो और पीबीफिनटेंक में अपनी हिस्सेदारी घटाई है.
भारतीय शेयर बाजार में आएगी रिकॉर्ड तेजी
भारतीय शेयर बाजार की रिकॉर्ड तेजी को देखते हुए दुनियाभर की कई दिग्गज एजेंसियों की तरफ से और भी तेजी के अनुमान आने लगे हैं. Goldman Sachs ने कहा है कि अगले साल निफ्टी 20500 का स्तर छू सकता है. मॉर्गन स्टैनली ने तो यहां तक कह दिया है कि 2023 में सेंसेक्स 80 हजार का स्तर छू सकता है, हालांकि इसके लिए सस्ते क्रूड ऑयल, ग्लोबल इंडेक्स में भारतीय बॉन्ड की लिस्टिंग और बेहतर कार्पोरेट नतीजों की शर्त भी जोड़ दी है. ऐसे में बड़ा सवाल बनता है कि शेयर बाजार की रिकॉर्ड तेजी में क्या करना चाहिए.
हाई क्वॉलिटी स्टॉक में निवेश की रणनीति सही
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार का कहना है. सालभर का रिटर्न देखें तो निफ्टी 7.7 फीसद ऊपर है जबकि स्मालकैप इंडेक्स 10 फीसद नीचे है और यह ट्रेंड हाई क्वॉलिटी स्टॉक में निवेश की रणनीति को सही दर्शाता है. उनका कहना है मौजूदा हालात में भारतीय शेयर बाजार में अधिकतर कंपनियों के वैल्युएशन महंगे हो गए हैं. ऐसे में सावधानी बरतने की जरूरत है. मनी9 की सलाह है कि शेयर बाजार की इस रिकॉर्ड तेजी में किसी भी तरह का ट्रेड लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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