वैश्विक स्तर पर बदलते घटनाक्रमों की वजह से चांदी की कीमतों में तेजी आ सकती है और अगले 12 महीने के दौरान घरेलू बाजार में चांदी का भाव 85000 रुपए प्रति किलो का स्तर दिखा सकता है, मोतीलाल ओसवाल ने चांदी पर जारी की अपनी रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 की शुरुआत में अमेरिका के बैंकिंग और कर्ज संकट की वजह से चांदी की कीमतों में तेजी आई थी लेकिन उसके बाद अमेरिकी केंद्रीय बैंक की तरफ से ब्याज दरों में रोकी गई बढ़ोतरी से चांदी के भाव में नरमी दिखी, 2023 की शुरुआत के 4 महीने के दौरान चांदी का भाव करीब 11 फीसद बढ़ गया था, लेकिन बाद में उसमें कुछ नरमी आई, हालांकि 2022 के अंत में जो भाव था उससे तुलना करें तो चांदी की कीमतें अब भी 6 फीसद ऊपर हैं.
मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक की तरफ से आगे चलकर पॉलिसी में ढील दिए जाने की संभावना है जिस वजह से चांदी की कीमतों को सहारा मिलेगा. इसके अलावा युद्ध और दुनियाभर में बढ़ते राजनीतिक तनाव की वजह से भी चांदी की कीमतों को बढ़ने में मदद मिल सकती है. अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने वर्ष 2023 में अमेरिका के ग्रोथ अनुमान में बढ़ोतरी की है, संकेत मिल रहे हैं कि अमेरिका में आगे चलकर ब्याज दरों में नरमी आ सकती है.
मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट में सिल्वर इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि 2023 के दौरान दुनियाभर में चांदी की मांग के मुकाबले सप्लाई कम रह सकती है जिस वजह से भी इसकी कीमतों में तेजी की संभावना है. इसके अलावा चीन की अर्थव्यवस्था में भी रिकवरी के संकेत मिलने लगे हैं जिस वजह से भी चांदी की मांग बढ़ने की संभावना जताई जा रही है जो कीमतों को सहारा देगा. साथ ही सोलर एनर्जी, इलेक्ट्रिक गाड़ियों और 5जी टेलीकॉम सेवा के बढ़ते विस्तार की वजह से भी चांदी की कीमतों में तेजी का अनुमान है, क्योंकि इन सभी के उपकरणों में चांदी का इस्तेमाल होता है.
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