प्री-इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) प्लेसमेंट के जरिए खरीदे गए शेयरों का लॉक इन पीरियड खत्म होने वाला है. ऐसे में सितंबर में करीब 10 कंपनियों के शेयरों में जमकर बिकवाली देखने को मिल सकती है. इनमें कंप्यूटर एज मैनेजमेंट (CAMS), कॉनकॉर्ड बायोटेक, SBFC फाइनेंस, हैप्पीएस्ट माइंड्स, रूट मोबाइल और केमकॉन स्पेशियलिटी शामिल हैं. हालांकि लॉक-इन अवधि समाप्त होने का मतलब यह नहीं है कि जिन निवेशकों को प्री-आईपीओ बिक्री में शेयर मिले थे, वे अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच देंगे.
प्री-आईपीओ निवेशकों के लिए लॉक-इन अवधि अलग-अलग होती है. उदाहरण के लिए, प्रमोटरों को आईपीओ से प्राप्त शेयरों का कम से कम 20% एक साल के लिए रखना होता है, जबकि संस्थागत निवेशकों को इसे कम से कम छह महीने के लिए रखना जरूरी है. वहीं एक एंकर निवेशक के लिए, आवंटित शेयरों के 50% पर लॉक-इन अवधि 90 दिन की है और बाकी बचे 50% पर लॉक इन 30 दिनों की है. बता दें पिछले साल अप्रैल में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने उन निवेशकों के लिए लॉक-इन अवधि में कटौती की, जो प्री-आईपीओ इश्यू में शेयर खरीदते हैं, या प्रमोटरों की हिस्सेदारी 20% से अधिक है, उनके लिए यह अवधि एक वर्ष से छह महीने तक है.
किन कंपनियों के कब खत्म होंगे लॉक इन? नुवामा अल्टरनेटिव एंड क्वांटिटेटिव रिसर्च के आंकड़ाें के नुसार, यथार्थ अस्पताल के शेयरों के लिए एक महीने की लॉक-इन अवधि 1 सितंबर को समाप्त होगी, जबकि एसबीएफसी फाइनेंस और कॉनकॉर्ड बायोटेक की लॉक-इन अवधि क्रमशः 11 और 13 सितंबर को खत्म होगी. इसी तरह इकियो लाइटिंग और एचएमए एग्रो के लिए तीन तीन महीने की लॉक-इन अवधि 11 सितंबर और 27 सितंबर को समाप्त होगी. जबकि हैप्पीएस्ट माइंड्स और रूट मोबाइल के लिए तीन साल की लॉक-इन अवधि क्रमशः 15 सितंबर और 16 सितंबर को खत्म होगी.
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