BSE के मिड-कैप और स्मॉल-कैप इंडेक्स (Small Cap Index) में शामिल मझोली और छोटी कंपनियों के शेयरों ने 2023-24 में करीब 62 फीसद रिटर्न दिया है। मिड-कैप और स्मॉलकैप शेयरों का प्रदर्शन सेंसेक्स से बेहतर रहा है। यह देश की मजबूत आर्थिक परिस्थितियों और विभिन्न कंपनियों के तिमाही नतीजे बेहतर रहने के बीच निवेशकों के उत्साह को दर्शाता है।
एक विश्लेषण के अनुसार, बीएसई मिड-कैप इंडेक्स वित्त वर्ष 2023-24 में 15,013.95 अंक या 62.38 फीसद उछल गया, जबकि स्मॉल-कैप 16,068.99 अंक या 59.60 फीसद चढ़ा। इसकी तुलना में, समीक्षाधीन वित्त वर्ष में 30 शेयर वाले बीएसई सेंसेक्स ने 14,659.83 अंक या 24.85 फीसद की बढ़त हासिल की।
हेज फंड हेडोनोवा में सीआईओ सुमन बनर्जी ने कहा कि निवेशकों की भावना में यह बदलाव भारत में मजबूत आर्थिक स्थितियों से प्रेरित है, यह परंपरागत रूप से आर्थिक विस्तार की अवधि के दौरान छोटी कंपनियों के शेयरों में तेज ग्रोथ को बढ़ावा देता है।
शेयर बाजार ने वित्त वर्ष 2023-24 में प्रभावशाली प्रदर्शन किया। 31 मार्च, 2023 को अपने 52-सप्ताह के निचले स्तर 23,881.79 अंक पर फिसलने के बाद बीएसई मिडकैप इंडेक्स 8 फरवरी को 40,282.49 के स्तर पर पहुंच गया। बीएसई स्मॉल-कैप इंडेक्स 7 फरवरी को अपने सर्वकालिक उच्च स्तर 46,821.39 पर पहुंच गया, जबकि पिछले साल 31 मार्च को यह 52-सप्ताह के निचले स्तर 26,692.09 अंक पर आ गया था। बीएसई का 30 शेयर वाला सेंसेक्स इस साल 7 मार्च को 74,245.17 अंक के अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सुनील न्याति ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में सेंसेक्स की तुलना में छोटी कंपनी के शेयरों का बेहतर प्रदर्शन भारतीय घरेलू बाजार की गतिशील प्रकृति और निवेशकों को प्रदान किए जाने वाले विविध अवसरों को दर्शाता है।
बाजार विश्लेषकों के अनुसार, छोटी कंपनियों के शेयर आमतौर पर स्थानीय निवेशकों द्वारा खरीदे जाते हैं, जबकि विदेशी निवेशक बड़ी कंपनियों के शेयर पर ध्यान केंद्रित करते हैं। वित्त वर्ष 2022-23 में बीएसई सेंसेक्स 423.01 अंक या 0.72 फीसद चढ़ा था। हालांकि, बीएसई स्मॉल-कैप इंडेक्स 1,258.64 अंक या 4.46 फीसद गिरा था, जबकि मिडकैप में 42.38 अंक या 0.17 फीसद की मामूली गिरावट आई थी।