शेयर बाजार के निवेशकों के लिए जरूरी खबर है. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने शेयर बाजार की लिस्टेड कंपनियों के लिए एक नया नियम जारी किया है. अब शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों को सभी तरह के व्यावसायिक समझौतों और सौदों की पूरी जानकारी निवेशकों को देनी होगी.
क्या हैं सेबी के नए नियम? सेबी ने लिस्टिंग ऑब्लिगेशन्स ऐंड डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट्स यानी LODR के तहत नियम को सख्त बनाया है. सेबी के नए नियम के तहत सूचीबद्ध कंपनियों को ऐसे सभी व्यावसायिक सौदों, कॉन्ट्रैट, टेक्निकल, मैन्युफैक्चरिंग और मार्केटिंग गठजोड़ और व्यवस्थाओं की विस्तृत जानकारी लोगों को देनी होगी, जो निवेश या बाजार की संभावनाओं पर असर डालते हैं. यानी अब निवेशकों के सामने किसी भी लिस्टेड कंपनी में होने वाले सौदों की पूरी जानकारी होगी.
अभी तक कंपनियों के विवेक पर छोड़ दिया गया था, कि अगर उन्हें लगता है कि ऐसे डील के बारे में कोई जानकारी आम निवेशकों को देने लायक नहीं है, तो वे उसे छुपा सकते हैं.
सेबी के इस कदम का उद्देश्य सभी गोपनीय समझौतों और लिस्टेड कंपनियों की जानकारी शेयरधारकों के बीच लाकर पारदर्शिता बढ़ाना है. बाजार नियामक की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार नया संशोधित नियम 15 जुलाई से प्रभावी हो गया है.
निवेशकों को क्या होगा फायदा? सेबी के इस कदम से शेयर बाजार के निवेशकों को फायदा होगा. इससे निवेशकों और एनालिस्ट को कंपनी के कारोबारी प्लान के बारे में ज्यादा स्पष्टता से जानकारी देनी होगी. दरअसल, निवेशकों के लिए उनके निवेश की सुरक्षा बड़ी चुनौती होती है. लिस्टेड कंपनी की जानकारियों के आधार पर कोई भी निवेशक यह तय कर सकता है कि उसे उस कंपनी के शेयरों में निवेश करना है या नहीं. सेबी ने लिस्टेड कंपनियों को यह निर्देश इसीलिए दिया है क्योंकि शेयर बाजार में किसी भी लिस्टेड कंपनी में गलत जानकारी या छिपी हुई जानकारी के कारण निवेशक का पैसा न डूबे.
प्रमोटर्स को देनी होगी ये जानकारी इसके अलावा, सेबी ने पिछले हफ्ते कहा था कि प्रमोटर्स को अपने पारिवारिक समझौतों का खुलासा भी करना होगा. सेबी के इस नए संशोधन के अनुसार सभी शेयरधारकों, प्रमोटर, प्रमोटर संस्थाओं, प्रमुख प्रबंधकीय कर्मियों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करने वाले समझौते की जानकारी होना चाहिए.
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