रुपया मंगलवार को सीमित दायरे में कारोबार के दौरान अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पांच पैसे टूटकर 83.26 (अस्थायी) पर बंद हुआ. विदेश में अमेरिकी मुद्रा की मजबूती और विदेशी कोषों की निकासी जारी रहने से भारतीय मुद्रा कमजोर हुई. विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि घरेलू शेयरों में नकारात्मक रुख का भी स्थानीय मुद्रा पर असर पड़ा. दूसरी ओर कच्चे तेल की कीमतों में सुधार से रुपए की गिरावट सीमित रही.
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 83.23 पर खुला और 83.27 के निचले स्तर को छूने के बाद अंत में 83.26 (अस्थायी) पर बंद हुआ. इस तरह डॉलर के मुकाबले रुपए में पांच पैसे की कमजोरी आई. रुपया सोमवार को 83.21 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था.
विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि रुपए में एक सीमित दायरे में कारोबार होने की उम्मीद है. इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.37 फीसद बढ़कर 105.60 के स्तर पर पहुंच गया. वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 1.78 फीसद गिरकर 83.66 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था.
घरेलू शेयर बाजारों में सेंसेक्स 16.29 अंक या 0.03 फीसद गिरकर 64,942.40 पर, निफ्टी 5.05 अंक या 0.03 फीसद गिरकर 19,406.70 अंक पर बंद हुआ. बीएनपी पारिबा बाय शेयरखान के संयुक्त उपाध्यक्ष प्रवीण सिंह ने कहा कि अमेरिकी फेडरल बैंक के एक अधिकारी ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी का संकेत दिया है, जिससे डॉलर में तेजी आई.
सिंह ने कहा कि कारोबारियों को अब इस बात का इंतजार है कि क्या अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन कठोर रुख का समर्थन करेंगे. उन्होंने कहा कि आरबीआई पिछले दो महीनों से अमेरिकी डॉलर बेच रहा है, जिससे रुपए पर नियंत्रण रखा जा सके. शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को 549.37 करोड़ रुपए के शेयर बेचे.