कंपनियों के प्रमोटर्स अब अपने कर्मचारियों को शेयर दे सकेंगे. शेयर बाजार नियामक सेबी (SEBI)ने के मुताबिक कंपनियों के प्रमोटर्स शेयर बाजार व्यवस्था के माध्यम से बिक्री पेशकश (OFS) के तहत अपने कर्मचारियों को शेयर दे सकते हैं. इस पहल का मकसद अनुपालन को सुगम बनाना और लागत को कम करना है. वर्तमान में, ओएफएस के तहत कर्मचारियों को शेयरों का जो आवंटन किया जाता है, वह शेयर बाजार व्यवस्था के बाहर किया जाता है. नियामक के इस फैसले से कर्मचारियों को फायदा होगा.
ओएफएस के लिए नए नियम
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने संबंधित पक्षों से प्राप्त प्रतिक्रिया के आधार पर कहा कि यह देखा गया है कि मौजूदा प्रक्रिया समय लेने वाली है और इसमें अतिरिक्त लागत और कई गतिविधियां शामिल हैं. सेबी ने इसको देखते हुए एक नई प्रणाली का निर्णय लिया है. यह कंपनियों के कर्मचारियों के लिए बिक्री पेशकश के संबंध में मौजूदा प्रणाली के अतिरिक्त होगी. इससे समय तो कम लगेगा ही साथ ही प्रक्रिया आसान भी होगी.
कर्मचारियों को होगा फायदा
नियामक द्वारा लाइ गई नई प्रणाली के तहत, कर्मचारियों को ओएफएस एक नई श्रेणी ‘कर्मचारी’ के तहत खुदरा श्रेणी के साथ टी प्लस 1 (सौदे के दिन से एक दिन के भीतर) साइकिल पर दिया जाएगा. सेबी ने कहा कि दक्षता बढ़ाने, अनुपालन में आसानी और लागत कम करने के लिए यह कदम उठाया गया है. बाजार नियामक की द्वितीयक बाजार सलाहकार समिति में विचार-विमर्श और शेयर बाजारों तथा क्लियरिंग कॉरपोरेशन के साथ चर्चा के आधार पर, यह निर्णय लिया गया है कि प्रर्वतक शेयर बाजार व्यवस्था के जरिये ओएफएस के तहत कर्मचारियों को शेयर दे सकते हैं.
क्या कहा नियामक ने?
नियामक के अनुसार, कर्मचारी ओएफएस को लेकर कर्मचारियों के लिए एक निश्चित संख्या में शेयर आरक्षित होने चाहिए और प्रवर्तकों को इस बारे में शेयर बाजार को दिए जाने वाले ओएफएस नोटिस में इसकी विस्तृत जानकारी उपलब्ध करानी चाहिए.
Published - January 24, 2024, 01:50 IST
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।