नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की सब्सिडियरी एनएसई इंडाइसेज ने एक नया इंडेक्स निफ्टी 50 नेट टोटल रिटर्न (NTR) इंडेक्स शुरू किया है. ये इंडेक्स निफ्टी 50 इंडेक्स का एक नया वेरियंट है. निफ्टी 50 नेट टोटल रिटर्न इंडेक्स का लक्ष्य कैश डिविडेंड और बोनस को निफ्टी 50 इंडेक्स में रिइनवेस्ट को ध्यान में रखते हुए उसके प्रदर्शन को मापना है. निफ्टी 50 नेट टोटल रिटर्न इंडेक्स के प्राइस परफॉर्मेंस को दिखाएगा. साथ ही साथ यह सभी स्पेशल और रेगुलर डिविडेंड्स की शुद्ध राशि और टैक्स व कैपिटल गेंस टैक्स की कटौती के बाद बोनस से होने वाले फायदे को भी बताएगा.
नए इंडेक्स की गणना दो करेंसी भारतीय रुपए और अमेरिकी डॉलर में की जाएगी.
क्यों शुरू किया गया नया इंडेक्स?
निफ्टी 50 नेट टोटल रिटर्न इंडेक्स का मकसद इस बात को ध्यान में रखते हुए निफ्टी 50 इंडेक्स के प्रदर्शन को मापना है कि कैश डिविडेंड और बोनस से होने वाले गेन्स का संबंधित विथहोल्डिंग टैक्स और कैपिटल गेन्स टैक्स लगाए जाने के बाद इंडेक्स में दोबारा निवेश किया जाता है.
इन नए इंडाइसेज की शुरुआत के साथ, इन दोनों करेंसी में निफ्टी 50 इंडेक्स के तीन वेरिएंट उपलब्ध होंगे. इन वेरिएंट में – निफ्टी 50 प्राइस रिटर्न, निफ्टी 50 टोटल रिटर्न और निफ्टी 50 नेट टोटल रिटर्न शामिल हैं.
क्या है निफ्टी 50 इंडेक्स?
निफ्टी 50 भारत में शेयर बाजार का एक इंडेक्स यानी सूचकांक है जो देश की शीर्ष 50 लिस्टेड कंपनियों के प्रदर्शन के लिए एक बेंचमार्क यानी मानक के तौर पर काम करता है. एनएसई ने 1996 में ये इंडेक्स शुरू किया था. ये इंडेक्स पूरे बाजार की भावना को दर्शाता है.
इस इंडेक्स में वित्त, ऊर्जा, आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी), दवा और दूसरे क्षेत्र की कुल 50 शीर्ष कंपनियों के शेयर शामिल हैं.
इसके तीनों वेरिएंट की बात करें तो निफ्टी 50 प्राइस रिटर्न इंडेक्स शेयर के स्पेशल डिविडेंट की फुल वैल्यू शामिल करते हुए निफ्टी 50 इंडेक्स के प्राइस परफॉर्मेंस यानी कीमत के आधार पर प्रदर्शन को दर्शाता है. इसमें रेगुलर डिविडेंड का वैल्यू शामिल नहीं होता. वहीं निफ्टी 50 टोटल रिटर्न (TR) इंडेक्स सभी डिविडेंड (स्पेशल और रेगुलर दोनों) की फुल वैल्यू को शामिल करते हुए निफ्टी 50 इंडेक्स के प्राइस परफॉर्मेंस को दर्शाता है.
अब लाया गया नया इंडेक्स यानी निफ्टी 50 नेट टोटल रिटर्न (NTR) इंडेक्स निफ्टी 50 इंडेक्स के उस प्राइस परफॉर्मेंस को दर्शाएगा जिसमें सभी डिविडेंड (स्पेशल और रेगुलर दोनों) का नेट अमाउंट, और विदहोल्डिंग टैक्स एवं कैपिटल गेन्स काटने के बाद जारी किए जाने वाले बोनस से होने वाले गेन्स शामिल होंगे.
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