इक्विटी डेरिवेटिव में ट्रेडिंग करके जल्दी अमीर होने के वादे के लालच में नए खुदरा निवेशकों को हाल के दिनों में बड़ा नुकसान हुआ है. भारत में स्टॉक फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&Os) में पैसे लगाने वाले ज्यादातर लोग घाटे में ही रहे हैं. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने ब्रोकर्स से फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस ट्रेडिंग में होने वाले जोखिम (Risk) को लेकर निवेशकों को अलर्ट करने का निर्देश दिया है. रेगुलेटर ने स्टॉक ब्रोकरों से कहा है कि वे निवेशकों को उनकी वेबसाइटों पर वायदा और विकल्प (F&O) में ट्रेडिंग के जोखिमों के बारे में सचेत करें.
वित्तीय वर्ष 2022 के दौरान F&O सेगमेंट में निवेश करने वाले युवा ट्रेडर्स (20 से 30 साल की उम्र वाले) की संख्या 30 प्रतिशत हो गई जबकि दो साल पहले यह केवल 11 प्रतिशत थी. यानी लगातार हो रहे घाटे के बावजूद नए निवेशकों को इसके जोखिम का अंदाजा नहीं है. ऐसे में सेबी ने कहा है कि ब्रोकरों को अब अपने ग्राहकों को डेरिवेटिव ट्रेडिंग के जोखिम के बारे में सतर्क करना चाहिए.
एफएंडओ सेगमेंट की स्थिति वित्त वर्ष 2018-19 और वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान इक्विटी एफएंडओ सेगमेंट में 10 में से 9 व्यक्तिगत व्यापारियों को घाटा हुआ. औसतन उन्हें ₹50,000 के करीब शुद्ध व्यापारिक घाटा हुआ. शुद्ध व्यापारिक घाटे के अलावा नुकसान निर्माताओं ने लेन-देन की लागत के रूप में शुद्ध व्यापार घाटे का अतिरिक्त 28 प्रतिशत खर्च किया. वहीं, लेन-देन लागत के रूप में इस तरह के मुनाफे का 15 से 50 प्रतिशत के बीच शुद्ध व्यापारिक मुनाफा कमाने वाले हैं.
डेरिवेटिव एक्सपोजर उच्च स्तर पर देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज एनएसई के पूंजी बाजार में खुदरा निवेशकों की भागीदारी में तेजी से गिरावट आई है. लेकिन उनका डेरिवेटिव एक्सपोजर उच्च स्तर पर बना हुआ है. नकद बाजार में, जहां शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वित्त वर्ष 2021 में 45% से खुदरा निवेशक व्यापार का हिस्सा वित्त वर्ष 23 में 36.5% तक गिर गया. डेरिवेटिव्स में खुदरा निवेशकों की बाजार हिस्सेदारी वित्त वर्ष 20 के अंत में महामारी के साथ बढ़ी और उसके बाद फिर कम हो गई. लेकिन एनएसई डेटा के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों और कॉरपोरेट्स की तुलना में उच्च बनी हुई है. वित्त वर्ष 21 में खुदरा बाजार की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2016 की तुलना 23% से बढ़कर 29.2% हो गई जबकि वित्त वर्ष 2022 में यह वर्ष 2022 से 0.3 फीसद नीचे 27.7 फीसद था.
क्या है F&O? इक्विटी बाज़ार में दो हिस्से होते हैं. पहला कैश सेगमेंट और दूसरा डेरिवेटिव्स, जिसे फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस भी कहा जाता है. फ्यूचर्स एंड ऑप्शन सौदों के तहत एक ग्राहक किसी शेयर को मौजूदा क़ीमत पर भविष्य की तारीख में खरीद या बेच सकता है.
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