पूंजी बाजार नियामक सेबी को पिछले साढ़े चार साल में 1,551 कंपनियों के खिलाफ कॉर्पोरेट गवर्नेंस के नियमों के उल्लंघन से जुड़ी 4,085 शिकायतें मिली हैं. संसद में एक सवाल के लिखित जवाब में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में 13 जुलाई तक कंपनियों के खिलाफ 132 शिकायतें मिली थीं. वहीं 2022-23 में 640, 2021-22 में 809, 2020-21 में 1,151 और 2019-20 में 1,353 शिकायतें मिली थीं.
पंकज चौधरी का कहना है कि पिछले साढ़े चार साल के दौरान, यस बैंक, ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज, रेलिगेयर एंटरप्राइजेज, अदानी एंटरप्राइजेज, अदानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन, अदानी पावर और एसीसी लिमिटेड समेत कई कंपनियों के खिलाफ कॉर्पोरेट गवर्नेंस के उल्लंघन की शिकायतें सरकार को मिली हैं. दिसंबर 2020 से जून 2023 के दौरान जिन कंपनियों के खिलाफ फंड का डायवर्जन, हेराफेरी और फंड के गलत इस्तेमाल से संबंधित शिकायतें मिली थीं, उन पर कार्रवाई की गई है. उन्होंने कहा कि कॉर्पोरेट गवर्नेंस नियमों के उल्लंघन के संबंध में शिकायतों को सेबी की ओर से संबंधित स्टॉक एक्सचेंज के सामने उठाया जाता है और एक्सचेंज की ओर से संबंधित कंपनी से उस पर जवाब मांगा जाता है. उनका कहना है कि ऐसी शिकायतों के निपटारे के लिए बाद में कदम उठाए जाते हैं.
पंकज चौधरी ने कहा है कि सेबी ने बाजार के बुनियादी ढांचे के गवर्नेंस को मजबूत करने के लिए पिछले साल अप्रैल में अपने पूर्व पूर्णकालिक सदस्य जी महालिंगम की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था. समिति की सिफारिशों के आधार पर कंपनियों के गवर्नेंस में सुधार लाने के लिए सेबी के नियमों में संशोधन भी किए गए हैं.