महंगाई ने भारत समेत पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है. इसने आम आदमी की खरीदने की शक्ति को कम कर दिया है. निवेश पर मिलने वाला रिटर्न महंगाई की दर के साथ तालमेल नहीं बिठा पा रहा है. देश में खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल 2022 में 7.79 प्रतिशत थी जो पिछले आठ साल का उच्चतम स्तर है. मई में यह थोड़ा गिरकर 7.04 फीसदी पर आ गई. हालांकि महंगाई की दर अभी भी लगातार पांचवें महीने रिजर्व बैंक के 4 प्रतिशत (+2/-2) के आदर्श स्तर से ऊपर बनी हुई है.
महंगाई को मात देने का क्या मतलब है?
मुद्रास्फीति को मात देने का सीधा सा मतलब है जब निवेश पर मिलने वाला रिटर्न महंगाई की दर से ज्यादा हो. यदि वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में वृद्धि निवेश से मिलने वाले रिटर्न से ज्यादा है तो ऐसे रिटर्न के कोई मायने नहीं मतलब रिटर्न जीरो (शून्य) है.
भारत में महंगाई को कैसे हराया जाए?
महंगाई दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. ऐसे में जाहिर है कि अगले 10 या 20 सालों में महंगाई की दर आज की तुलना में काफी ज्यादा होगी. महंगाई को मात देने का सबसे अच्छा तरीका है कि ऐसी जगह निवेश किया जाए जिसमें महंगाई दर के बराबर या उससे ज्यादा रिटर्न मिलने की संभावना हो. विशेषज्ञ मानते हैं कि छोटी बचत योजनाओं में इतना रिटर्न देने की क्षमता नहीं है. पिछले कुछ सालों में छोटी बचत योजना की ब्याज दरों में भी कमी आई है. ऐसे में शेयर मार्केट लंबी अवधि में आकर्षक रिटर्न देने की क्षमता रखता है जो महंगाई को मात दे सकता है.
शेयर मार्केट में निवेश के दो तरीके हैं. आप सीधे मार्केट में निवेश कर सकते हैं. हालांकि इसके लिए आपको मार्केट की जानकारी होनी चाहिए. ऐसी कई साइटें हैं जो शेयर मार्केट में ट्रेडिंग की सुविधा देती हैं. 5पैसा.कॉम एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां आप आसानी से, सुरक्षित रूप से और अपनी भाषा में ट्रेड कर सकते हैं. ज्यादा जानने के लिए आप https://bit.ly/3RreGqO इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं. शेयर मार्केट ने लंबी अवधि में महंगाई से बेहतर रिटर्न दिया है. हालांकि शॉर्ट टर्म में कुछ उतार-चढ़ाव हो सकता है.
अच्छी रिसर्च और लंबी अवधि के लक्ष्य को ध्यान में रखकर निवेश करने से शेयर मार्केट से मिलने वाला रिटर्न महंगाई को मात देने में मदद कर सकता है. अगर शेयर मार्केट के रिस्क (जोखिम) आपको डराते हैं तो इक्विटी म्यूचुअल फंड का रास्ता चुना जा सकता है. म्यूचुअल फंड में SIP के जरिए नियमित रूप से निवेश करके बड़ा फंड बनाया जा सकता है. म्यूचुअल फंड लंबे समय में उम्मीद से बेहतर रिटर्न दे सकते हैं. म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए सही फंड चुनना जरूरी है. इसके लिए आप किसी वित्तीय सलाहकार (फाइनेंशियल एडवाइजर) की मदद भी ले सकते हैं. ज्यादा महंगाई से निपटने के लिए लंबी अवधि (सात साल या अधिक) का पोर्टफोलियो बनाएं और पोर्टफोलियो में इक्विटी का हिस्सा ज्यादा रखें.
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